आखिर क्यों सर्वश्रेष्ठ मानी गई है शरद पूर्णिमा? यहाँ जानिए

वर्ष की 12 पूर्णिमा में से शरद पूर्णिमा सबसे अहम मानी जाती है. ये पूर्णिमा तन, मन तथा धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है. शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी की उपासना कर पूजा की जाती है, ये पूजा सर्वसमृद्धिदायक मानी गई है. पूर्णिमा पर सत्यनारायरण की कथा करने से घर में सुख-शांति स्थापित होती है तथा सबसे विशेष शरद पूर्णिमा का चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है जो अपनी किरणों के माध्यम से अमृत की बरसात करता है. इस वर्ष शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को है. शरद पूर्णिमा क्यों मानी गई है सर्वश्रेष्ठ:- आरोग्य, धन, सुख प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा सबसे विशेष है. शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी का धरती पर आगमन होने से भक्तों के धन-धान्य से भरपूर रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, जो स्वास्थ के लिए औषधीय का काम करती है. यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर रखी जाती है तथा फिर इसका सेवन किया जाता है. कहा जाता हैं ये खीर अमृत के समान हो जाती है. मानसिक शांति के लिए भी इस दिन चंद्रमा की पूजा अचूक मानी गई हैं. इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास रचाया था, जिसे देखने के लिए मनुष्य क्या देवी-देवता भी विवश हो गए थे.

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुईं थी. कहा जाता हैं देवी लक्ष्मी इस दिन रात्रि में धरती पर विचरण करने आती है, मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर निशिता काल मुहूर्त में देवी को खीर का भोग लगाने से आर्थिक सुख में वृद्धि होती है मगर इस बार शरद पूर्णिमा की रात चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. ऐसे में ग्रहण के पश्चात् यानि 29 अक्टूबर, देर रात 02.22 के बाद ही लक्ष्मी पूजा करें. शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को 5 पान के पत्ते उनके चरणों में चढ़ाएं. अगले दिन इन पान के पत्तों को आप सुखाकर एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. कहते हैं इससे तिजोरी कभी खाली नहीं होगी. धन आगमन बढ़ता जाएगा.