November 15, 2024

 कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी व्रत? जानिए तिथि शुभ मुहूर्त और व्रत पारण समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. इस विशेष दिन पर भगवान श्री हरि चार माह के बाद निद्रा से जागते हैं और इसी दिन से सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ पुनः हो जाता हैं. बता दें कि इस विशेष दिन से विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश इत्यादि कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं. इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त और महत्व?

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर सुबह 11:03 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 नवंबर रात्रि 09:01 पर हो जाएगा. उदया तिथि के अनुसार, देवउठनी एकादशी व्रत 23 नवंबर 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा.

पंचांग में बताया गया है कि देवउठनी एकादशी के दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे है. बता दें कि सिद्धि योग सुबह 11:55 से शुरू हो जाएगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 05:16 से 24 नवंबर सुबह 06:51 तक रहेगा. बता दें कि रवि योग सुबह 06:50 से शाम 05:16 तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में इन तीनों योग को पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ माना गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति इन शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करता है व मांगलिक कार्य पूरा करता है, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि और धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. साथ ही भगवान की कृपा सदैव व्यक्ति पर बनी रहती है.

शास्त्रों में यह विदित है कि एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानि द्वादशी तिथि के दिन किया जाता है. ऐसे में देवोत्थान एकादशी व्रत का पारण 24 नवंबर को सुबह 06:51 से सुबह 08:55 के बीच किया जा सकेगा.