May 3, 2024

छात्रों ने बनाए अनोखे ग्लव्स, छेड़छाड़ करने वाले को लगेगा 420 वोल्ट का झटका

मुरादाबाद: यूपी का मुरादाबाद वैसे तो पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां के पीतल उत्पाद देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. तो वहीं अब शहर के युवा भी विभिन्न क्षेत्रों में जिले का नाम रोशन करना शुरू कर दिया है. चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो या फिर किसी अन्य कला का क्षेत्र. इसी कड़ी में 19 साल के छात्र भारत सैनी ने अपने भाई के साथ मिलकर अनोखे ग्लव्स तैयार किए हैं. इन ग्लव्स की मदद से छेड़छाड़ करने वालों को 420 वोल्ट का झटका लगेगा. यह ग्लव्स छात्र ने लगातार बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं और बलात्कार जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए हैं. जिससे बहन, बेटियों और महिलाएं सुरक्षित रह सके और अपनी रक्षा स्वयं कर सकें.

सरस्वती विद्या मंदिर, गुलाबबाड़ी में इंटर के छात्र भारत सैनी ने बताया कि उनके पिता का निधन हो गया हैं. उनकी माता मेहनत मजदूरी कर उन्हें पढ़ा रही है. वह आगे चलकर वैज्ञानिक बनना चाहता है. उनका कहना है कि बीते दिनों हमने देखा था कि बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी कई घटनाएं सामने आई थी. जिसमें महिलाएं व बहन बेटियां अपनी रक्षा नहीं कर पाई थी. तो वहीं हमने महिलाओं व बहन बेटियों को सुविधा देने के लिए यह अनोखे ग्लव्स बनाए हैं. जिससे महिलाएं रात में या फिर कहीं ऐसी जगह जाती है. जहां उनके साथ बलात्कार या छेड़छाड़ जैसी घटना होने की संभावना है तो वह इन ग्लव्स को पहन कर जा सकती हैं. जिससे कोई भी छेड़छाड़ करने वाले व्यक्ति को यदि वह एक हाथ से पकड़ेंगे तो उसे 440 बोल्ट का झटका लगेगा. तो वही दूसरे हाथ में 1600 वोल्ट का झटका लगेगा. जिससे छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति टच करते ही खुद ब खुद भाग जाएगा.

3 सेकंड बाद दोबारा मारेगा झटका
इसके साथ ही इसमें मोशन सेंसर लगाया गया है. जिसकी मदद से यह मात्र 3 सेकंड का इंतजार करेगा और दोबारा झटका मार देगा. जिससे लगातार झटका लगते रहने से उस व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है. इसके साथ ही इसमें चार लेयर हैं और पूरी सेफ्टी के साथ यह करीब चार हफ्तों में बनकर तैयार हुआ है. उन्होंने बताया कि इसमें 440 वोल्ट का एक कैपेसिटर लगाया है और दूसरे हाथ में 1600 वोल्ट का कैपेसिटर लगाया है. यह कैपेसिटर अपने अंदर करंट रिस्टोर करके रखता है. छात्र भारत सैनी ने बताया कि इस ग्लव्स को बनाने में उनके शिक्षक रमेश सर ने हेल्प की है.