गॉल ब्लैडर फाड़ कर बिखर गई सैकड़ों छोटी-छोटी पथरियां, हाईटेक में हुआ इलाज
भिलाई. हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक ऐसी मरीज का इलाज किया गया जिसकी पित्त की थैली में सैकड़ों पथरियां बन गई थीं. पथरियों के कारण पित्त की थैली फट गई थी और पथरियां बिखर गई थीं. दूरबीन पद्धति से मरीज का इलाज किया गया तथा इलाज के बाद तीसरे ही दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई.
हाईटेक के लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील कुमार शर्मा ने बताया कि दूरबीन पद्धति से गॉल ब्लैडर को निकालना एक बेहद आम सर्जिकल प्रक्रिया है. पर यह मामला थोड़ा पेचीदा था. 54 वर्षीय इस महिला की पित्त की थैली फट चुकी थी तथा पथरियां और पित्त पेट के भीतर फैल गया था. हैरानी की बात यह भी थी कि सामान्य जांच में पथरी या पित्ताशय की सही स्थिति का पता नहीं लग पा रहा था. एमआरसीपी के द्वारा ही सही स्थिति का पता लगाया जा सका.
सही स्थिति का पता लगने के लगभग तत्काल बाद दूरबीन पद्धति से ही पेट की सफाई की गई और सड़ चुके पित्ताशय के साथ ही सभी पथरियों को चुन-चुन कर निकाल दिया गया. इसके दो दिन बाद मरीज को अस्पताल को पूर्ण रूप से स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में पथरियों का निकलना एक विस्मयकारी घटना थी. मरीज के परिजन भी इन बेशुमार पथरियों को देखकर हैरान थे. मरीज के जल्द स्वास्थ्य लाभ में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ नरेश देशमुख एवं मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ डी साहू तथा नर्सिंग स्टाफ की भी अहम भूमिका रही.