बीएसपी में सीटीवाईएम 2023-2024 संयंत्र स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता घोषित
भिलाई इस्पात संयंत्र में आयोजित “डायरेक्टर इन्चार्ज ट्रॉफी फाॅर यंग मैनेजर्स 2023-24” एवं ”चेयरमैन ट्रॉफी फाॅर यंग मैनेजर्स” (सीटीवाईएम) के इकाई स्तरीय प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया है। संयंत्र स्तरीय प्रतियोगिता में श्री सोनल श्रीवास्तव, प्रबंधक (आरसीएल), श्री सिद्धार्थ राॅय, प्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस) और श्री विनय कुमार पवार, उप प्रबंधक (एलडीसीपी/आरएमपी-3) की टीम को विजेता घोषित किया गया है। इस वर्ष की प्रतियोगिता का विषय “ईएसजी परिपालन से सेल के लिए सस्टेनेबल भविष्य-चुनौतियाँ व आगे की राह” (Sustainable Future through ESG Adoption-Challenges & Way Forward for SAILa) है।
विजेता टीम अब एमटीआई, रांची में आयोजित होने वाले चेयरमैन ट्रॉफी फाॅर यंग मैनेजर्स (सीटीवाईएम) 2023-24 में भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रतिनिधित्व करेगी। प्रबंधन प्रशिक्षण संस्थान (एमटीआई) में सेल के सभी एकीकृत इस्पात संयंत्रों एवं इकाइयों की विजेता टीमों द्वारा तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस संयंत्र स्तरीय प्रतियोगता डायरेक्टर इंचार्ज/चेयरमेन ट्रॉफी फाॅर यंग मैनेजर्स (सीटीवाईएम) 2023-24 में प्रथम उपविजेता का स्थान श्री आशीष पाण्डेय प्रबंधक (यूआरएम), श्री नागेश्वरा राव प्रबंधक (यूआरएम) की टीम ने प्राप्त किया और द्वितीय उपविजेता का स्थान श्री हिमांशु वर्मा प्रबंधक (एसएमएस-3), श्री ऐमान अली प्रबंधक (ईएमडी) तथा श्री उमेश मलयथ सहायक महाप्रबंधक (ओपी-2) की टीम ने प्राप्त किया था।
संयंत्र स्तरीय प्रतियोगिता में कुल 5 टीमों द्वारा तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया गया था। जिसका मूल्यांकन 14 फरवरी 2024 को चयन समिति के समक्ष किया गया। बीएसपी टीमों द्वारा यूनिट स्तर की प्रस्तुतियों के लिए निर्णायकगणों में कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटिस) श्री राजीव पाण्डेय और प्रोफेसर (एनआईटी, रायपुर) डाॅ समीर बाजपेयी शामिल थे। मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एंड बीई) सुश्री निशा सोनी कार्यक्रम के संयोजक के रूप में शामिल थी।
प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा प्रबंधकों में रीडिंग और प्रबंधन अवधारणाओं द्वारा उनके आत्म-विकास को प्रोत्साहित करना है। विजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को 15,000 रुपये के नकद पुरस्कार व प्रमाणपत्र के साथ डायरेक्टर इंचार्ज ट्रॉफी फाॅर यंग मैनेजर्स प्रदान किया जाएगा। प्रथम उपविजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को 10,000 रुपये नकद पुरस्कार व प्रमाणपत्र तथा द्वितीय उपविजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को 5,000 रुपये नकद पुरस्कार व प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
विदित हो कि सेल स्तरीय प्रतियोगिता में पात्रता हासिल करने हेतु संयंत्र स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। संयंत्र स्तर पर प्रथम आने वाली टीम को एमटीआई, रांची में होने वाले सेल स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु पात्रता प्राप्त होती है।
————————
दिनांक : 06.03.2024
भिलाई इस्पात संयंत्र की मेजबानी में 65वीं रिफ्रैक्टरी संचालन समिति बैठक का उद्घाटन
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का रिफ्रैक्टरी इंजीनियरिंग विभाग, आरडीसीआईएस के सहयोग से, 6 और 7 मार्च 2024 को भिलाई निवास में 65वीं रिफ्रैक्टरी ऑपरेटिंग कमेटी (आरओसीएम) की बैठक का आयोजन कर रहा है। आरओसीएम के लिए इस वर्ष की थीम “रोल ऑफ ऑपरेटिंग कंडीशनस् ऑन परफॉरमेंस ऑफ स्टील लैडल रिफ्रैक्टरी लाइनिंग एंड फ्यूचर लाइनिंग मटेरियल्स” है।
दो दिवसीय रिफ्रैक्टरी संचालन समिति बैठक का उद्घाटन मुख्य अतिथि, निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) श्री अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशंस-सेल) श्री वरिंदर धवन, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन)श्री अजय कुमार चक्रबर्ती, कार्यपालक निदेशक( कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) श्री सुधीर कुमार तथा महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी-आरडीसीआईएस) एवं (सचिव- आरओसीएम) श्री मनीष कुमार कुजूर उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त, इस्पात बिरादरी के अन्य मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधकगण, महाप्रबंधकगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण सहित सेल और अन्य इस्पात संयंत्रों की विभिन्न इकाइयों से कई रिफ्रैक्टरी ऑपरेटर्स मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि भारत की विभिन्न इस्पात संयंत्रों दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, इस्को बर्नपुर इस्पात संयंत्र, बोकारो इस्पात संयंत्र, राउरकेला इस्पात संयंत्र, एलॉय इस्पात संयंत्र, सेलम इस्पात संयंत्र, आरआईएनएल और सेल की खदानों के साथ-साथ जेएसपीएल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू और एनएमडीसी सहित भारत के विभिन्न इस्पात इकाइयों के 60 से अधिक प्रतिनिधि और आरईडी-भिलाई इस्पात संयंत्र, आरडीसीआईएस और एसआरयू-भिलाई के लगभग 40 प्रतिभागी इस्पात संयंत्र के रिफ्रैक्टरी इंजीनियर, रिफ्रैक्टरीज क्षेत्र में नई अवधारणाओं पर चर्चा करने, साझा करने और सीखने के लिए के इस दो दिवसीय बैठक में प्रतिनिधि के रूप में भाग ले रहे हैं।
श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने संबोधन में कहा, कि रिफ्रैक्टरी स्टील उत्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रिफ्रैक्टरीज में काम करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि सुरक्षा प्रोटोकॉल के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही सबके लिए खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए हमें सुरक्षा पालन प्रोटोकॉल को हमेशा सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि यहां प्रस्तुत किए जाने वाले तकनीकी शोध पत्रों पर सामूहिक चर्चा से भारत में इस्पात विनिर्माण के लिए अधिक कुशल, सस्टेनेबल और लागत प्रभावी रिफ्रैक्टरी संचालन के लिए, रिफ्रैक्टरी अनुप्रयोगों में नवीनतम रुझानों का पता लगाने के लिए नई अंतर्दृष्टि और विचार सामने आएगी।
श्री वरिंदर धवन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, कि हमारे इस्पात संयंत्रों में उत्पादित स्टील की गुणवत्ता और सुरक्षा, रिफ्रेक्ट्रीज के प्रदर्शन पर काफी निर्भर करती है। श्री धवन ने कहा, यह 65वीं रिफ्रैक्टरी संचालन समिति की बैठक, भारत के विभिन्न इस्पात संयंत्रों के विभिन्न रिफ्रैक्टरी इंजीनियरों को अपने अनुभव साझा करने और रिफ्रैक्टरी लाइफ में सुधार, विशिष्ट लागत व रिफ्रैक्टरीज़ की खपत में कमी सम्बन्धी नवाचार में अपने नवीन शोधों को प्रस्तुत करने का एक उचित अवसर और उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।
प्रारंभ में श्री मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) तापस दासगुप्ता ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया एवं महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी-आरडीसीआईएस) एवं (सचिव- आरओसीएम) श्री मनीष कुमार कुजूर ने बैठक के एजेंडे पर रिपोर्ट के रूप में एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रबंधक (आरईडी) श्री पुष्पेंद्र सिंह और प्रबंधक (एचआरडी) सुश्री अवंथी वुछुला ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा मुख्य महाप्रबंधक (आरईडी) श्री सुधीर कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस दो दिवसीय बैठक में भाग ले रहे प्रतिनिधियों द्वारा लगभग 20 तकनीकी शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। यह 65वीं आरओसीएम बैठक भारत की रिफ्रैक्टरी बिरादरी को विशिष्ट लागत और विशिष्ट खपत में कटौती करने के लिए, रिफ्रैक्टरी से सम्बन्धित नई तकनीकें विकसित करने और अपनाने में मदद करेगा, क्योंकि रिफ्रैक्टरी किसी भी इस्पात संयंत्र के लागत मैट्रिक्स पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
———