आम के खेती हेतु किसानों का एक दिवसीय कार्यशाला का सफ़ल आयोजन
अंदरुनी इलाकों के 70 एकड़ में जिला प्रशासन ने सामूहिक रूप से दिया आम बागवानी
रिपोर्टर अनवर हुसैन सुकमा
कोन्टा – खेती के लिए अनुकूल जलवायू बस्तर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के निवासी वनोपज पर ही आश्रित रहते थे। सुकमा जिले की जलवायु आम के लिए बेहद ही अनुकूल है। इसलिए सुकमा जिले के विकासखण्ड कोन्टा के कई किसानों ने आम उद्यान लगाकर सफलता हासिल किया है। जिला प्रशासन के पहल से जिले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सामुदायिक उद्यान से वृक्षारोपण को तेजी से महत्व दिया गया। जिला प्रशासन द्वारा नीति आयोग के सहयोग से कोंटा ब्लॉक के अंदरूनी क्षेत्रों में सामूहिक रूप से आम के फसल को करवाने का फैसला लेते हुए जगह का चिन्हांकन कर अबतक 70 एकड़ में सफलतापूर्वक (फलोद्यान) पौधारोपण कर किसानों को जागरूक किया गया। आज इसी संदर्भ ने कोंटा में किसानों का एक दिवसीय कार्यशाला का सफ़ल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कई किसानों ने शिरकत की और आम के पेड़ की वार्षिक रखरखाव को लेकर जानकारी लिया। दरअसल आम के पौध हों या अन्य फल वृक्ष इनका यदि वार्षिक रखरखाव नहीं किया जाये तो उनके विकास पर विपरीत असर होता है। पेड़ की सही से देखभाल करें तो हर साल फल होंगे। परीक्षण दे रहे शिक्षक एम. परमेश्वर सिंह कहा कि आमतौर पर लोगों का मानना है कि आम में हर एक साल के बाद फलन होता है। जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर पौधों की अच्छे से रखरखाव और देखभाल की जाए तो हर साल आम का फलन होगा। साथ ही मंजर शुरू होने से चार माह पूर्व से ही पौधों की रखवाली और उसकी सिंचाई शुरू करना चाहिए। समय-समय पर जरूरी दवा का छिड़काव भी करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के कीट या रोग इत्यादि नहीं लगे और फलों की चमक बरकरार रहे। इससे बाजार में इसकी कीमत अच्छी मिलती है। इस कार्यशाला में लगभग 30 किसान पहुंचे। इन सभी किसानों के खेत पर पहुंचकर जिला पंचायत सहायक परियोजना अधिकारी कैलाश कश्यप, पीपीआईए फेलो अर्कजा कुठियाला और आकांक्षी ब्लॉक फेलो कोंटा सोहन भारती ने किसानों से आम पेड़ों के संबंध में हालचाल जाना और सभी किसानों से कार्यशाला में वार्षिक रखरखाव की जानकारी साझा कर सफल किसान बनने के मंत्र बताये।
परंपरागत खेती के अलावा आम की खेती कर इस साल 04 लाख का मुनाफा कमाया हैं, इसका उदाहरण कोंटा के समीप फंडीगुड़ा के किसान सलवम नारैया समेत 7 और अन्य साथी हैं, जिन्होंने 19 एकड़ में आम का बागीचा लगाया हुआ है। इससे उन्हें सालाना 3.5-4 लाख तक कि कमाई हो जाती है। नारैया बताते हैं कि यहां आम सबसे ज़्यादा और अच्छा क्वॉलिटी का होता हैं जिसको लेने कोरबा और आंध्रा से लोग लेने आते हैं। ( सलवम नारैया, किसान फंडीगुड़ा गांव)
जिला प्रशासन के पहल से हम किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा हैं। इसलिए जिला प्रशासन का धन्यवाद करते हैं सामुदायिक उद्यान से वृक्षारोपण में हम करीमगुंडम गांव के 7 किसानों के समूह में 22 एकड़ में आम बाग का निर्माण जिला प्रशासन द्वारा निशुल्क करवाया गया हैं आने वाले समय में हम सभी किसान साथियों को आम से अच्छा ख़ासा मुनाफा होने की उम्मीद हैं। – ( पुनेम राजा करीमगुंडम गांव का पटेल)