भावुक हुए धीरेंद्र शास्त्री, अपने बचपन के कई घटनाओं को बताया

मेरठ। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में श्री हनुमत कथा में अपने बचपन के दिनों को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने मंच से अपने संघर्षों के दिनों के बारे में बताया तो श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो गईं। धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से अपनी गरीबी और संघर्षों के दिनों से जुड़ी कई घटनाओं के बारे में बताया। कहा कि एक समय हमारे परिवार की ऐसी स्थिति थी कि हमें कोई निमंत्रण नहीं देता था क्योंकि वह सोचते थे कि जब यह फटे कपड़े में आएंगे और हमारी बेइज्जती होगी। हमारे गांव का सरपंच तक हमारी बात नहीं सुनता था। गांव में कोई हमें पढ़ाई के लिए एक हजार रुपये उधार भी नहीं देता था, क्योंकि हमारी उन्हें वापस लौटाने की हैसियत नहीं थी, लेकिन आज बालाजी में हमें इस काबिल बना दिया है। आज पिताजी के नाम से ही सब लोग अपने काम निकालते हैं। हम नहीं चाहते कि बालाजी का कोई भी भक्त जो हमने देखा है, वह देखे।
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