November 18, 2024

कांग्रेस के यूपीए सरकार के समय धान के समर्थन मूल्य में 143 प्रतिशत बढ़ा था, मोदी राज में मात्र 60 प्रतिशत बढ़ा

कांग्रेस के यूपीए सरकार के समय धान के समर्थन मूल्य में 143 प्रतिशत बढ़ा था, मोदी राज में मात्र 60 प्रतिशत बढ़ा

यूपीए के तुलना में खेती का लागत मूल्य तीन गुना बढ़ गया डीजल, बिजली, उर्वरक सभी के दाम में बढ़ोत्तरी

भिलाई । जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जावेद खान ने मोदी सरकार द्वारा धान के समर्थन मूल्य में मात्र 7% की बढ़ोत्तरी से जश्न मना रहे भाजपाईयों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपाईयों को यह मालूम होना चाहिए की छग की भूपेश बघेल सरकार किसानों को पहले से ही 2640 रू प्रति क्विंटल दे रही है ,उसके बावजूद भी राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय द्वारा बकायदा आंकड़ा जारी कर बताया जा रहा है कि अब 2040 के स्थान पर 2183 रू मिलेगा और किसानों की समृद्धि का झूठा दावा किया जा रहा है अगर इसी तरह कछुए की रफतार से मोदी सरकार समर्थन मुल्य मे बढ़ोतरी करेगी तो कभी भी भूपेश बघेल सरकार के आंकड़े को नही छू पाएगी ,जब छग के किसानों को पहले से ही भूपेश बघेल सरकार धान का ज्यादा पैसा दे रही है तो फिर भाजपाई किस बात का श्रेय ले रहे है ,बेहतर होता की वह देश के दुसरे भागो मे जा कर ऊंट के मुंह मे जिरे बराबर बढ़ोत्तरी का श्रेय लेते,छग मे उनकी दाल गलने वाली नही है ,मोदीजी ने 2014 के चुनाव के पहले वायदा किया था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी की जायेगी तथा कृषि उपज के लागत मूल्य का ज्यादा समर्थन मूल्य घोषित किया जायेगा लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो के अनुरूप किसी भी फसल की लागत से डेढ़ गुणा न्युनतम समर्थन मुल्य देने के पक्ष मे दिखाई नही दे रही हैं, मोदी और भाजपा किसानों से दो बड़े वादे कर सत्ता में आए। पहला वादा था, किसान के समर्थन मूल्य की लागत+50 प्रतिशत मुनाफा पर निर्धारित करना। दूसरा वादा था कि इस मूल्य निर्धारण के फॉमूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई है। किसान साल दर साल ठगे जाते रहे।

छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ मोदी सरकार लगातार धोखेबाजी कर रही है। यूपीए सरकार के 10 सालों में धान के समर्थन मूल्य में 142.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी थी। जब मनमोहन सरकार बनी तब धान का समर्थन मूल्य 560 रू. था, मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार में धान का समर्थन मूल्य बढ़कर 1360 रू. हो गया था। मोदी सरकार के 10वें साल में धान का मूल्य अब जाकर 2183 रू.घोषित हुआ है जो यूपीए सरकार में मिलने वाली कीमत में मात्र 60.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी है।

जब यूपीए सरकार थी तब और मोदी सरकार की तुलना में खेती की लागत में बढ़ोत्तरी हुई है। यूपीए सरकार के समय डीजल 55.48 रू. लीटर था मोदी राज में लगभग दुगुना 98.50 रू. लीटर हो गया है। जब की कच्चे तेल की कीमतों मे पिछले नौ माह 40% की कमी आयी है उसके बावजूद भी मोदी सरकार ने डीजल के दामों मे कोई कमी नही की है ,इसी प्रकार यूपीए सरकार के समय पोटाश 800 रू. था अब उसकी कीमत 1700 रू. है। एनपीके 1053 रू. था अब उसकी कीमत 1470 रू. हो गयी है। डीएपी 1100 रू. मूल्य था वह अब 1350 रू. हो गया। जो ट्रैक्टर 2014 में 3.80 लाख रू. में आता था वह आज उसकी कीमत 8.70 लाख रू. हो गयी है। मोदी राज में यूपीए की तुलना डीजल, बिजली, उर्वरक रासायनिक कीटनाशक सभी दुगुने से अधिक हो गये लेकिन समर्थन मूल्य में मात्र 60 प्रतिशत ही बढ़ोत्तरी किया गया है और छग के किसानों का हितैषी होने का ढोंग रचा जा रहा है।