अचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या समणी डॉक्टर ज्योति प्रज्ञा व डॉक्टर समणी मानस प्रज्ञा का हुआ इस्पातनगरी में आगमन…तेरापंथ महिला मंडल ने नवकार मंत्र पर गीतिका का संगान किया
भिलाई। अचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्या समणी निर्देशिका डॉक्टर ज्योति प्रज्ञा व डॉक्टर समणी मानस प्रज्ञा का भिलाई में आगमन हुआ तेरापंथ महिला मंडल ने नवकार मंत्र पर गीतिका का संगान किया। डॉक्टर समणी मानस प्रज्ञा ने जीवन को श्रेकर व तेजस्वी बनाने के लिए छोटे-छोटे संकल्प, छोटे आदर्श जीवन को अच्छा बताया । डॉ ज्योति प्रज्ञा ने मनुष्य जीवन की दुर्लभता को बताते हुए कहा मनुष्य जीवन मिलना ,जैन धर्म व गुरु को प्राप्त करना सौभाग्य का सूचक है अपने सौभाग्य को बढ़ाने के लिए देव ,गुरु ,धर्म पर श्रद्धा रखें ।
प्रेक्षाध्यान 13 चेतना केंद्र की बात बताई, उन केंद्रों पर ध्यान करके शक्ति को जगा सकते हैं और अंतिम गति मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं, तात्कालिक प्रश्नोत्तर के कार्यक्रम में पोरवाल जी विजेता रहे। सरस्वती शिशु मंदिर के शिक्षक वर्ग में अणुव्रत समिति की बैठक रखी उसमें सभी मेंबरों की अच्छी उपस्थिति रही। इस अवसर पर समणी ज्योति प्रज्ञा जी ने कहा आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन की शुरुआत की और छोटी-छोटी नियम मानव जाति के लिए बनाए, जो कल्याणकारी है।उन नियमों का पालन कर व्यक्ति सुखी, स्वस्थ समाज का निर्माण करने में सहयोगी बन सकता हैं ।नवनिर्मित अध्यक्ष रश्मि जैन एवं सरस्वती शिशु मंदिर की प्रधानाचार्य मैडम ने भी अपनी बातों को रखा। इस तरह पूरा कार्यक्रम स्वल्पाहार के साथ समाप्त हो।