पंडरिया के कुई के नदी में बने पचरी क्षतिग्रस्त , निर्माण कार्य में गुणवत्ता दरकिनार
कवर्धा, भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की बानगी देखना हो तो पंडरिया विधायक आदर्श ग्राम पंचायत कुई में आइए , जहा सारे नियम कायदों को ताक में रखकर निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य किया जाता है । जो लोगो के द्वारा खुले रूप से कहा जाता है लेकिन वनांचल ग्राम होने के कारण और पंडरिया वहा से बीस किलोमीटर दूर होने के कारण ग्रामीण शिकायत नही कर पाते जिसका बेजा लाभ निर्माण एजेंसी के द्वारा उठाया जाता है । निर्माण कार्य प्रारंभ होने के पूर्व नागरिक सूचना पटल बनाने के बजाए पूर्ण होने पर बनाया जाता है और निर्माण से संबंधित संपूर्ण जानकारी को पुछाया जाता है । जो लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ है । बाजार के समीप नदी में कुछ दिन पूर्व से रिटर्निंग वाल सह पचरी निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ जिसमे गुणवत्ताहीन होने के कारण पचरी पहली बरसात में ही क्षति ग्रस्त हो गई।
नागरिक सूचना पटल नही
कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले नागरिक सूचना पटल बनाया जाता है जिसमे निर्माण कार्य से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करना होता है लेकिन ग्राम पंचायत कुई में निर्माण कार्य पूर्ण होने पर बनाया जाता है जो समझ से परे है साथ ही सारे नियम कायदों को किनारे करते हुए घटिया निर्माण कार्य को अंजाम देने का कार्य करते है ।
घटिया निर्माण में मशहूर
पंडरिया विधान सभा विधायक आदर्श ग्राम पंचायत कुई शुरू से ही घटिया निर्माण में मशहूर है जिनके द्वारा कुछ दिन पूर्व माध्यमिक शाला कुई परिसर में बाउंड्री वॉल निर्माण किया है निर्माण के कुछ दिन बाद ही दीवार में दरार पड़ने लगा तथा पंद्रह दिन पूर्व पंद्रहेव वित्त आयोग कीराशि से प्रतिबंधित लाल ईट से नाली का निर्माण किया जा रहा था वह भी भरभरा के गिर गया जो काफी सोसल मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा।
नदी में बने पचरी पहले बरसात में क्षति ग्रस्त
वनांचल ग्राम पंचायत कुई में बाजार परिसर के समीप नदी में रिटर्निंग वाल सह पचरी निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ । जिसमे अत्यंत ही घटिया स्तर के निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है जो पहली बरसात में ही क्षत्रि ग्रस्त हो गया है और रिटर्निग वाल भी अधूरा पड़ा हुआ है। निर्माण एजेंसी एक छोटा सा निर्माण को भी बरसात के पूर्ण पूरा नहीं कर पाया । जो अत्यंत सोचनीय है।
अधूरा निर्माण बताकर जांच की होता है खानापूर्ति
घटिया निर्माण में बहे पचरी की यदि जांच होता है तो जांच अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बचाने का आधार निर्माण कार्य को अधूरा बता कर जांच में लीपा पोती करने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता । वर्तमान में ग्राम पंचायत के द्वारा जितना भी निर्माण कार्य किया है उसका ईमानदारी से उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर जांच करने से अनेक अनियमितताएं और कमियां उजागर होने की संभावनाओं से इंकार नही किया जा सकता।