Polygraph Test क्या है और कैसे होता है? जिसकी मदद से सामने आएगा सीमा हैदर का एक-एक सच
सीमा हैदर (Seema Haider) एक जासूस है या वो सच में सचिन मीणा (Sachin Meena) के प्यार में अवैध तरीके से भारत आई है, ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जानने में जांच एजेंसियां जुटी हुई हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि सीमा हैदर के सच का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियां उसका पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) भी करवा सकती है. बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट नार्को टेस्ट से अलग होता है, जिसके लिए कोर्ट से मंजूरी लेने की जरूरत पड़ती है. सीमा हैदर के दावों की हकीकत जानने के लिए जिस पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत बताई जा रहा है, आइए उसके बारे में जानते हैं.
आरोपी को बेहोशी का इंजेक्शन नहीं दिया जाता है बल्कि, इसमें आरोपी के शरीर पर कार्डियो कफ जैसी मशीनें लगाई जाती हैं.
– इन मशीनों के जरिए ब्लड प्रेशर, नब्ज, सांस, पसीना और ब्लड फ्लो को मापा जाता है.
– इसके बाद आरोपी से उन सवालों के जवाब पूछे जाते हैं जिनमें विरोधाभास होता है.
– झूठ बोलने पर आरोपी घबरा जाता है, जिसे मशीन पकड़ लेती है.
– पॉलीग्राफ टेस्ट के नतीजे सबूत नहीं माने जाते, लेकिन ये सबूत जुटाने का जरिया होते हैं.
सीमा हैदर का पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों जरूरी?
सीमा हैदर के पॉलीग्राफ टेस्ट की जरूरत महसूस होने की एक बड़ी वजह आर्मी में काम करने वाले लोगों से उसकी कथित दिलचस्पी भी बताई जा रही है. सीमा पर भारतीय सेना से जुड़े लोगों को सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने का आरोप लगा है. जब ये मामला सामने आया तो भारत की जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए और जब यूपी ATS ने उससे पूछताछ शुरू की तो ये मामला भी सामने आया.
सीमा ने सेना के जवानों को क्यों भेजी रिक्वेस्ट?
यूपी ATS ने सीमा से पूछा कि आपने सेना के लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों भेजी? इसके पीछे मकसद क्या था? इसके जवाब में सीमा ने कहा कि सचिन के अलावा भी सोशल मीडिया पर मेरे दोस्त थे. मेरे नाम से कई और लोगों ने आईडी बना रखी हैं. मेरी आईडी किसी और के फोन में लॉगइन है. इससे ही इन रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया होगा. मैंने सिर्फ फेसबुक चलाया था. सेना से जुड़े लोगों के बारे में मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं.
सीमा हैदर के झूठे दावे