‘आँख मारना, गले मिलना’, ठीक 5 साल बाद संसद में वही मंजर, 2018 में भी मोदी सरकार पर हुआ था ‘अविश्वास’ !

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव (Modi Govt No Confidence Motion) का सामना करना पड़ रहा है, जिस पर आज मंगलवार (8 अगस्त) को बहस होनी है। इस कदम से संयुक्त विपक्षी गठबंधन INDIA, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बैकफुट पर धकेलने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि, मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद की कार्यवाही लगातार बाधित रही है, क्योंकि विपक्षी खेमा, सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है और सदन में जमकर हंगामा हो रहा है।
बता दें कि, मोदी सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव (Modi Govt No Confidence Motion) कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (BRS) द्वारा लाया गया था और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे स्वीकार कर लिया था। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले 2018 में भी, NDA की पूर्व सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने आंध्र प्रदेश को पर्याप्त धन आवंटित न करने का आरोप लगाते हुए और आंध्र के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। 2018 के अविश्वास प्रस्ताव (Modi Govt No Confidence Motion) में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के साथ सीधा टकराव देखने को मिला था। आज 5 साल बाद, संसद का मंजर कुछ-कुछ वैसा ही रहने वाला है, ऐसे में 2018 के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस पर एक नज़र डालना जरुरी हो जाता है, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि, विपक्ष 2023 में भी ऐसा ही प्रस्ताव लेकर आएगा।