एकलव्य नें कुश्ती में गोल्ड लेकर दी पटखनी,छुईखदान नगर का प्रदेश मेँ सम्मान बढाया
( कभी राजे महाराजाओं की ओर से होता था आयोजन,अब
शासन स्तर पर आयोजन)
( नगर व क्षेत्र में खुशी की लहर- आत्मानंद स्कुल के छात्र हैं एकलव्य श्रीवास )
छुईखदान-====एक जमानें में भारत की सबसे प्राचीन खेलों मंे से एक कुश्ती राजा महाराजाओं के द्वारा एक रियासत के पहलवान से दूसरे रियासत के पहलवान के साथ दंगल हुआ करती थी,पुरूस्कार बांटे जाते थे,परन्तु देश की आजादी के बाद कुश्ती के वैश्विक तौर तरीकों के साथ लोगों के सामनें आई है, परिणाम स्वरूप अब देश की नई पीढी अब इसी तौर तरीकों से कुश्ती में अपना दांव पेंच आजमा रहे हैं. जहां तक छ0ग0 में कुश्ती का सवाल है,तो यहां पर बहुतेरे ही प्रतिष्ठित कुश्ती का आयोजन हुआ करता है।
एैसे में इस रियासत कालीन शहर के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल छुईखदान के कक्षा दसवी के छात्र एकलब्य श्रीवास पिता प्रेमकिशन श्रीवास ने राज्य स्तरीय ट्रिपलिंग कुश्ती प्रतियोगिता के 95 कि.ग्रा.वर्ग में अपनें निकटतम प्रतिद्धंदी अभनपुर निवासी को प्रदेश की राजधानी में रायपुर में सीधे पटखनी देकर गोल्ड मेंडल अपनें नाम किया है,और इसके साथ ही उनका चयन राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता जो दिल्ली में आयोजित होना है के लिए छ0ग0के प्रतिनिधि के रूप में हो गया है ,वर्तमान सफलता के लिए उन्हे मेडल सहित प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है, एकलव्य के इस गैर आशान्वित छलांग से जहां नगर को गौरव प्राप्त हुआ है वहीं पर नगर सहित छ.ग. में कुश्ती की अपार संभावनाओं को भी बल मिल रहा है,यदि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं शासन,स्कूल स्तर पर सतत आयोजित होती रही तो इसमे कोई दो राय नही कि छ.ग. मे भी कुश्ती पुनःअपने पुराने प्रतिष्ठा को प्राप्त कर सकेगी।
एकलव्य के इस अभूतपूर्व सफलता पर स्वामी आत्मानंद स्कुल के पालक संघ के अध्यक्ष श्री सज्जाक खान ने एकलव्य श्रीवास के इस उप्लब्धि पर मुबारक बाद देकर एकलव्य को उज्जवल भविष्य की कामना की हैं।
एकलव्य के प्रशिक्षक मोरध्वज ने कहा कि अगर एकलव्य इसी तरह से कुरूती खेलता रहा तो आने वाले दिनों वेा देश का प्रतिनिधित्व कर सकता हैं
एकलव्य के गोल्डमेडल जीतने पर उसके माता पिता दादा दादी मित्र और सहपाठियों ने उज्जवल भविष्य की कामना की है।