परिजनों ने बेटी का कर दिया था दाह-संस्कार, कुछ समय बाद बजी फोन की घंटी, युवती बोली- पापा मैं जिंदा हूं…जाने पूरा मामला
पूर्णिया. यदि किसी लड़की का दाह संस्कार हो गया हो और कुछ समय बाद अचानक उसका फोन आ जाए और बोले कि पापा मैं जिंदा हूं तो सोचिए घर की क्या स्थिति बनेगी. ऐसा ही एक चौकाने वाला मामला जिले के अकबरपुर ओपी क्षेत्र से सामने आया, जिसमें युवती ने अपने पिता को फोन कर अपने जिंदा होने की बात कही. यह सुन परिवार वालों सहित सभी लोग हैरान रह गए.
दरअसल पूरा मामला पूर्णिया जिले के अकबरपुर ओपी क्षेत्र का है, जहां 15 अगस्त को अकबरपुर ओपी के नवगछिया टोला के पास नहर में अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था. उसी गांव की विनोद मंडल की बेटी अंशु पिछले ढाई महीने से लापता थी. जैसे ही शव की सूचना उन्हें मिली तो वह भी थाना गए, जहां लड़की के कपड़ा और उनके कद काठी को देखकर उसने कहा कि यह शव उसकी बेटी अंशु का है. तब अकबरपुर पुलिस ने कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए शव को विनोद मंडल और उनके परिजनों को सौंप दिया.
लड़की ने घर से भागकर की शादी
इसके बाद हिंदू रीति रिवाज के अनुसार विनोद मंडल के परिजनों ने उस अज्ञात युवती के शव का दाह संस्कार कर दिया. पिता विनोद मंडल इतने व्यथित थे कि उसकी जगह अंशु के दादा ने शव को अग्नि दी. फिर वे लोग घर आ गए, तभी दूसरे दिन सोशल मीडिया से जानकारी मिलते ही अचानक अंशु का कॉल आता है. वह अपने पिता को बोलती है कि पापा मैं तो जिंदा हूं. आप लोगों ने कैसे मेरा दाह संस्कार कर दिया. फिर उसने पूरी कहानी बताई कि वह फिलहाल रूपाली हॉल्ट के पास रह रही है और उसने निरंजन नामक एक युवक से प्रेम विवाह कर लिया है. डर के मारे वह ना तो घर जा पा रही थी ना ही घर वालों को फोन कर रही थी. इधर जैसे ही अंशु के जिंदा होने की खबर परिजनों को मिली परिजनों में खुशी समा गया.
पुलिस नए सिरे से कर रही जांच
हालांकी नहर से मिली अज्ञात युवती का शव किसका था पुलिस के लिए यह अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. साथ ही सवाल यह भी उठता है कि परिजनों ने इतनी बड़ी भूल कैसे कर दी. वही पुलिस ने भी बिना जांच पड़ताल किए शव को विनोद मंडल को कैसे सौंप दिया. अकबरपुर ओपी के प्रभारी सूरज कुमार का कहना है वह नए सिरे से जांच कर रहे हैं और शव की पहचान का प्रयास कर रहे हैं. बहरहाल यह घटना इस इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.