May 9, 2024

सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव ने दिया धरना, सौंपा ज्ञापन

कोंडागांव जिले की जन समस्याओं के तत्काल समाधान हेतु, सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्षन करके महामहिम राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री छ.ग.षासन के नाम प्रेशित ज्ञापन को एस.डी.एम. कार्यालय में पहुंचकर मौके पर मौजुद तहसीलदार कोण्डागांव विजय कुमार मिश्रा को सौंपा गया। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान सीपीआई जिला परिशद कोण्डागांव के जिला सचिव का.तिलक, सह सचिव का.षैलेष, का.जयप्रकाष, का.दिनेष, का.बिसम्बर, का.सरादु, का.अनिल, का.दुबेष, का.रामचंद, रामसिंह, सरादु, भगतराम, महाजन, सुखचरण आदि सहित जिले के विभिन्न ग्रामों से महिला-पुरुश कम्युनिश्ट काफी संख्या में उपस्थित रहे। सीपीआई एवं सहयोगी संगठनों एआईवायएफ, ए.आई.एस.एफ., अखिल भारतीय आदिवासी महासभा, अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा जिला मुख्यालय कोण्डागांव के डी.एन.के. मैदान में 31 अगस्त 2023 को धरना प्रदर्षन किया गया एवं 11 सूत्रीय मांगों सम्बन्धी ज्ञापन सौंपा गया।
मांग- 1. बस्तर संभाग में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हुए सभी वर्ग के स्थानीयों हेतु टीईटी, डी-एड, बी.एड. योग्यता की अनिवार्यता समाप्त कर बस्तर संभाग के ही उम्मीदवारों को भर्ती करने। 2. बस्तर संभाग में शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नती प्रक्रिया में विषयवार शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नती प्रक्रिया की अनिवार्यता को समाप्त करने पारित आदेश से बस्तर संभाग में शिक्षा का स्तर गिर जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के बच्चों का जीवन अंधकारमय हो जाएगा। सरकार स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते हुए विषयवार शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नती प्रक्रिया को पुनः लागु करे। 3. सभी सरकारी स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की भर्ती करे तथा सभी जीर्ण-शीर्ण स्कूलों का मरम्मत कार्य तत्काल प्रारंभ करे। 4. छत्तीसगढ़ राज्य में होने वाले आगामी विधान सभा और लोक सभा चुनाव में शिक्षकों को चुनाव कार्य में संलग्न न किया जाय, ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो। 5. कोण्डागांव जिले के सभी जाति वर्ग के पात्र किसानों को अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2008 के प्रावधानों के तहत वनाधिकार प्रपत्र तत्काल प्रदान किया जाय तथा जिन किसानों के आवेदन किन्हीं कारणवश निरस्त किए गए हैं, उनके काबिज भूमि पर वन विभाग का अमला जबरन प्रवेश कर खड़ी फसल को नष्ट करते हुए पौधा रोपण कर रहा है, उस पर तत्काल रोक लगायी जाये। 6. स्थानीय स्तर पर कुछ रसूखदारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर वर्ग के लोग, जो वन भूमि व राजस्व भूमि पर काबिज होकर कृषि कार्य कर रहे हैं, अपने प्रभाव का उपयोग कर उनकी काबिज भूमि को छीनने का प्रयास किया जा रहा है, उस पर तत्काल रोक लगायी जाय। 7. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के ऐसे नागरिकों को जो शासकीय भुमि पर मकान बनाकर कई वर्षों से निवासरत हैं, उन्हें उपरोक्त भूमि का निःशुल्क पट्टा तत्काल प्रदान किया जाय। 8. बस्तर संभाग की मुल जातियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया जाय। 9. कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने चुनावी घोषण पत्र में शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने की घोषणा की गई थी, उक्त घोषणा के आधार पर शिक्षित बेरोजगारों को तत्काल बेरोजगारी भत्ता प्रदाय किया जाय। 10. कलेक्टर व अन्य अधिकारियों के समक्ष आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर कार्यवाही सुनिश्चित कर आवेदकों को उसकी जानकारी आवश्यक रूप से प्रदाय किया जाय। 11. कोण्डागांव जिले के ग्राम आदपाल, बागझार, बैलपाड़, छोटे फरसगांव, टेमरुगांव, चलका, चैड़ग, चिंगनार, रांधना, पाला, बन चपई, कहलाकोट, चिमड़ी, कोकोड़ी, चेरंग, मैनपुर, मोडेगा, मालाकोट, सदाड़ी, अलवाड़, नुगाली, चिमानार मुण्डपाल, बुगाली, फुटान चांदागांव आदि, जो कोण्डागांव राजस्व जिले के ग्राम हैं व प्रशासनिक त्रुटिवश पुलिस जिला नारायणपुर में शामिल किए गए हैं, सभी गांवों को प्रशासनिक सुविधा को दृष्टि में रखते हुए कोण्डागांव राजस्व जिले में शामिल किया जाय।