November 20, 2024

‘तुम पागल हो, तुम्हें अक्ल नहीं है’ अब पत्नी के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल किया तो पति की खैर नहीं, HC ने दी चेतावनी

मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि मराठी में “तुला अक्कल नहीं, तू वेदी अहेस”, जिसका अनुवाद है “तुम्हारे पास दिमाग नहीं है, तुम पागल हो”, ऐसी बातें बिना किसी सही कॉन्टेक्स्ट के उपयोग नहीं किया जा सकता है। जस्टिस नितिन की पीठ ने कहा कि ऐसा कहना गंदी भाषा में गाली देने के समान है। कोर्ट ने स्वीकार किया कि ऐसे शब्द आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसे शब्द सम्मानजनक भाषा के रूप में योग्य नहीं हैं। अगर अपमानित करने के सिलसिले में ऐसा बताया जा रहा है तो यह सही नहीं है।

वही एक याचिका में पत्नी ने ऐसे उदाहरणों का हवाला देते हुए पति पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। पत्नी का आरोप है कि वह देर रात घर लौटता था तथा बाहर जाने के लिए बोलने पर आवाज उठाता था। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि पत्नी ने उन घटनाओं का विशिष्ट विवरण नहीं दिया जिनमें ऐसी बातों का उपयोग किया गया था, इसलिए सिर्फ इन शब्दों को कहना अपमानजनक भाषा नहीं है। वही इस जोड़े की शादी 2007 में हुई थी मगर शादी के कुछ वक़्त पश्चात् ही मतभेदों का सामना करना पड़ा। पति ने तर्क दिया कि पत्नी को पहले से ही पता था कि वे संयुक्त परिवार में रहेंगे, मगर शादी के पश्चात् उसने शिकायत करना शुरू कर दिया तथा अलग रहने की व्यवस्था चाहती थी। 

पति ने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी ने उनके माता-पिता का सम्मान नहीं किया तथा उनकी देखभाल नहीं की और अपना वैवाहिक घर छोड़ दिया। इसके विपरीत पत्नी ने दावा किया कि उसका वैवाहिक जीवन बुरे सपने जैसा था तथा उसने पहले कभी इस प्रकार के दुर्व्यवहार का सामना नहीं किया था। हाई कोर्ट ने तय किया कि FIR की जांच करने पर पता चला कि पत्नी ने पति पर झूठा आरोप लगाया था तथा ये आरोप मुकदमे के चलते उसकी गवाही से मेल नहीं खाते थे। कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला, “पत्नी द्वारा लगाए गए गैर-जिम्मेदाराना और झूठे आधारहीन आरोप और सबूतों के माध्यम से उसे सही ठहराने में नाकाम होना क्रूरता के समान होगा तथा पति को विवाह विच्छेद का हकदार बना देगा।”