जया किशोरी ने बताई इंसान की सबसे बुरी आदत, सुधर जाए तो संवर जाएगी जिंदगी
जया किशोरी ने कहा कि संतोष करना मनुष्य को सीखना चाहिए. अपने सुख से सुखी रहें और दूसरे के दुख से दुखी ना रहें. बदलाव का मतलब ये नहीं कि इतना बदलाव लाओ कि दुनिया ही बदल जाए. अगर आपके कारण किसी एक की भी जिंदगी में बदलाव आए तो कम से कम इंसान बनना तो सफल हो गया. इतना तो बदलाव ले आओ. इंसान बने हो तो इतना तो कर लो कि मेरे कारण किसी एक की जिंदगी में तो बदलाव आए नहीं तो फिर जानवर ही अच्छे हैं.
जया किशोरी ने ये भी कहा कि शुरुआत में कोई भी अच्छा काम करने जाते हैं तो किसी को अच्छा नहीं लगता है. सब आपके पीछे ही पड़ेंगे. आपको नीचे गिराने की कोशिश करेंगे. आपकी बात को गलत साबित करने की कोशिश करेंगे. लेकिन सफल हो जाओगे तो सबसे पहले वही कहेंगे कि अरे हमको तो पहले से ही पता था कि ये कुछ तो करेगा.
प्रेम पर जया किशोरी ने कहा कि प्रेम हमेशा निस्वार्थ होना चाहिए. अगर प्रेम में कोई स्वार्थ है तो जब तक मतलब होगा तभी तक वो प्रेम रहेगा और जिस दिन मतलब निकल गया उस दिन प्रेम भी खत्म हो जाएगा. इसीलिए प्रेम जब करें तो वह निस्वार्थ होना चाहिए.
बहुत गुस्सा करने वालों पर जया किशोरी ने कहा कि गुस्सा कभी नहीं आता है. गुस्सा हमेशा लाया जाता है. अगर गुस्सा आ जाता तो गुस्सा हर किसी के सामने आता. अपने से बड़े के सामने हमें गुस्सा क्यों नहीं आता है. जब बॉस चिल्लाता है तो आप बॉस को थप्पड़ क्यों नहीं लगाते हो. बॉस को गालियां क्यों नहीं सुनाते हो क्योंकि पता है कि अगर कुछ बोल दिया तो नौकरी चली जाएगी. आप गुस्सा उसी पर दिखाते हो जिसपर आपका जोर चलता है.