November 17, 2024

जिसकी हत्या का अमित शाह ने लगाया था आरोप, कौन है भुवनेश्वर साहू

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भुवनेश्वर साहू की हत्या का मामला अब राजनीति मुद्दा बन चुका है। इसी साल अप्रैल में एक हिंसा के दौरान भुवनेश्वर साहू की कथित तौर पर हत्या की गई थी। अब चुनाव नजदीक आते ही इस हत्याकांड पर सियासत होने लगी है। बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गंभीर आरोपों के बाद मामला और गर्मा गया है।

चुनाव के बीच उठा भुवनेश्वर साहू का मुद्दा 
फिलहाल ये मुद्दा इसलिए उठा है कि बीजेपी ने भुवनेश्वर साहू के पिता को अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने साजा विधानसभा से ईश्वर साहू को टिकट दिया है। इसके साथ बीते दिन जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजनांदगांव के दौरे पर गए, तो उन्होंने आरोप लगाए कि भुवनेश्वर साहू हत्या के लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति जिम्मेदार है।
अमित शाह ने लगाए छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप

16 अक्टूबर को राजनांदगांव में अमित शाह ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार ने तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुवनेश्वर साहू को लिंचिंग कराकर मार दिया।’ शाह ने कहा, ‘बीजेपी ने तय किया है कि हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगे और इसके प्रतीक के तौर पर उनके पिता ईश्वर साहू को हमने चुनाव के मैदान में उतारा है।’

हम उनके खिलाफ शिकायत करेंगे : CM भूपेश बघेल

शाह के आरोपों के बाद कांग्रेस बौखला गई। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने चुनाव आयोग में अमित शाह के खिलाफ शिकायत दी है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अमित शाह का यह बयान ना केवल आपत्तिजनक है, बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य शांत प्रदेश छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़काना है।

इसके अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्री बघेल भी शिकायत करने की बात कर रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने कहा, ‘हम इसके खिलाफ शिकायत करेंगे। गृह मंत्री होने के नाते वह लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।’

कैसे हुआ मर्डर’कौन हैं भुवनेश्वर साहू

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से इतर अब आपको भुवनेश्वर साहू के हत्याकांड के बारे में बताते हैं। हालांकि उसके पहले बता दें कि भुवनेश्वर साहू छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव के रहने वाले थे।

बिरनपुर गांव में एक मामूली-सा विवाद हुआ था। 8 अप्रैल की बात थी, जब दो स्कूली बच्चे आपस में लड़ पड़े थे। इसी को लेकर कहासुनी इतनी बढ़ी कि उसने हिंसा का रूप ले लिया।

मामूली विवाद दो मजहबों के बीच की लड़ाई बन गया था और इसी दौरान भुवनेश्वर साहू की हत्या हो गई थी। हत्या का आरोप दूसरे समुदाय के लोगों पर था। इससे दंगा और भड़क उठा था। गांव में आगजनी की गई। कई लोग हिंसा के बीच बुरी तरह घायल हो गए थे।

बहरहाल, छत्तीसगढ़ में अगले महीने चुनाव हैं, जिसकी तारीखों की घोषणा भी हो चुकी है। देखने वाली बात है कि भुवनेश्वर साहू और उसके परिवार को क्या राजनीति के बीच जल्दी न्याय मिल पाएगा’