धर्मांतरण कैंसर के समान, इसका कोई इलाज नही, इसे बचाने आर्थिक रूप से मजबूत लोग जरूरतमंदों की करे सहायता-देवकी नंदन महाराज
महाराज ने कहा इस सुंदर दुनिया में परमाणु बम, मिसाईल, फाईटर प्लेन की क्या जरूरत है? ये सब चीजें मानवता को नही रहने देंगी जिंदा
भिलाई। सिविक सेंटर में हो रही देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की कथा जो कि दिव्य ज्योति सेवा समिति के बेनर तले कराई जा रही है, कल 02 नवंबर को इसका समापन होगा। इस श्रीमद भागवत कथा के देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढिया सबसे बढिया, उन्होंने मीडिया को भी साधुवाद देते हुए कहा कि वे धर्म का प्रचार करने आये है जो कथा का उद्देष्य है उसे हम पूरा कर रहे है। हर स्थिति में सनातन धर्म के महत्व को समझा जाता रहेगा। तथाकथित धर्म के लोग आज मारने काटने पर उतारू है, सनातन का प्रचार करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही मानवता भी जरूरी है। सेक्यूलर की आज कोई जरूरत नही है, लोग इच्छाओं के लिए जिंदा रहते है, ऐसे में विकास नही विनाष होता है। इतनी सुंदर दुनिया में आखिरकार परमाणु बम, मिसाईल, फाईटर प्लेन की क्या जरूरत है? ये सब चीजें मानवता को जिंदा नही रहने देंगी। हम सबको षांति का पाठ पढाना चाहिए। सनातन धर्म सुरक्षित रहे, हम लोगों को इस ओर ध्यान देना है और इस देष के माहौल में हम सबकों मिलजुल कर रहना है। सनातन की परंपरा को आगे बढाने के लिए काम करना है। इजराईल में जो हो रहा है, इससे पहले भारत में भी हुआ है। सनातन के माध्यम से ही हमे षांति वार्ता की बात करनी चाहिए।
कल हम कथा स्थल के आस पास सनातन यात्रा निकालेंगे जिसमें सभी श्रद्धालुओं व आम जनमानस से अपील करता हूं कि वे इससे षामिल हों। सनातन के प्रचार प्रसार के लिए उंच नीच, जाति, धर्म से उठकर सबकों ये काम करना चाहिए। इसके लिए हम सबकों एकजुट होना आवष्यक है। जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठे है ऐसे लोग आज सनातन को एचआईबी और डेंगू कह रहे है। वह सनातन का अपमान कर रहे है, सनातन का अपमान नही होने देंगे। चुनाव आयेाग को ऐसे लोगों पर षिकंजा कसना चाहिए और चुनाव नही लडने देना चाहिए। देष में सौ करोड सनातनी लोग रहते है। किसी को भी किसी के धर्म का अपमान नही करना चाहिए। ऐसे में अराजकता फैलती है और देष का माहौल खराब होता है। चूंकि मैं एक धर्म गुरू हूं, मेरा काम है पीढियों को बचाना, यदि किसी भी बच्चे को खरोच तक आयेगी तो मुझे दर्द होगा इसके कारण समाज में भी तकलीफ होती है, मेरा मानना है कि सब सुधरें, यदि मेरी कथा से 10-20 लोग भी सुधर गये तो मैं समझूंगा कि मेरा यहां आना सफल हो गया। मै कोई नेता नही हूं, चुनाव से मेरा कोई वास्ता नही है, मैं धर्मगुरू का काम कर रहा हूं और नेता अपना काम कर रहे हैं, लेकिन यदि नेता गलत काम करेगा चाहे वह किसी भी राजनैतिक दल का हो, उनका कान खींचने का काम धर्मगुरूओं का ही है। यह कथा और सनातन यात्रा किसी के सपोर्ट के लिए नही निकाल रहा हूं, मैं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए निकाल रहा हूं। जो लोग वोट को षराब और पैसा लेकर बेंच देत है, वह सही एमएलए नही चुनते, उन्होंने आम जनता से अपील किये कि वे अपना वोट दें लेकिन अच्छे व्यक्ति को दें और उसकी आवाज बने व उसके साथ खडे रहे चाहे भले ही वह निर्धन प्रत्याषी ही क्यों न हो? जाति के नाम पर वोट नही करना चाहिए। ऐसे में अच्छा षासन नही आयेगा।
धर्मांतरण कैंसर के समान है, कैंसर का इलाज संभव है लेकिन धर्मांतरण का नही। जो लोग पैसा नौकरी एवं पत्नी देकर धर्म बदलने की बात कहते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहना है, उसे बचाने के लिए हर सनातनियों को आगे आने की आवष्यकता है। सनासनियों का बैंक में रखे रूपये सड जायेगा। सनातन धर्म के जो आर्थिक रूप से मजबूत है उनको जरूरतमंद लोगों की सहायता कर चाहिए। चाहे वह षिक्षा, स्वास्थ्य व निर्धन कन्याओं के विवाह सहित अन्य प्रकार की जो भी जरूरत हो। चूंकि परोपकार सबसे बडा पुण्य है, इसके लिए सनसतनियों में जागृति फैलाने का कार्य करें ताकि लोग धर्म परिवर्तन न कर सके। इस दौरान समिति के अध्यक्ष प्रकाष देवांगन, सुनील मौर्य, मदन सेन, गौरव श्रीवास्तव, सुरेन्द्र कुषवाहा सहित समिति के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
000