November 14, 2024

छठे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुरुआत वर्चुअल संगोष्ठी द्वारा 18 नवंबर को दुर्ग में हुई

 

छठे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुरुआत वर्चुअल संगोष्ठी द्वारा 18 नवंबर को दुर्ग में हु

(कौन बनेगा स्वास्थ्य रक्षक अभियान की शुरुआत 22 नवंबर से छत्तीसगढ़ के विद्यालय महाविद्यालय में )

आयुष मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन एवं सहयोग से छठे प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2023 (18 नवंबर) के उपलक्ष में इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन सूर्या फाउंडेशन के द्वारा सीसिरिन केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद वी एन आई एन राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान पुणे के तत्वाधान में भारत के सभी 32 राज्यों एवं 500 जिलों में सहित 20 देश में 18 नवंबर से युवाओं में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जन जागृति लाने के लिए संगोष्ठी वर्कशॉप एवं शिविर कौन बनेगा स्वस्त सुरक्षित अभियान की शुरुआत आजकी गई

छत्तीसगढ़राज्यकाआयोजन प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कारणजिलोमें विद्यालय महाविद्यालय छुट्टी होने के कारण आज यह प्रथम शुरुआती उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया गया
(प्राकृतिक चिकित्सा को समग्र विज्ञान महात्मा गांधी ने कहा_डॉ प्रकाश अर्जुनवार)
उक्त आशय की जानकारी छत्तीसगढ़ राज्य के स्टेट कन्वीनर मनोज ठाकरे ने देते हुए बताया
छठी प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का जिनकी हो गया है जिसका विषय #समग्र स्वास्थ के लिए प्राकृतिक चिकित्सा#

संगोष्ठी का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से दुर्ग के श्रीसहज नेचुरोपैथी योग सेंटर के सभागार में हुआ

सर्वप्रथम संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्वलित एवं गायत्री मित्रों की ओर के साथ किया गया

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से संगोष्ठी का प्रारंभ दुर्ग जिला कोऑर्डिनेटर डॉक्टर निर्मल गुप्ता ने का कुल चिकित्सा के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया यह पृथ्वी सबसे सस्ती ड्रैग्लेक्स पीती है यह इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है इस पद्धति के माध्यम से मरीज को मर्द बात पैक कोल्ड पैक। तब बात मसाज बात संतुलित भोजन उपवास पैदल चलना और बात आसान बात और प्रार्थना के माध्यम से संपूर्ण इलाज किया जाता है धूप मिट्टी पानी पांच तत्वों के माध्यम से शरीर की गायक का कप किया जाता है और जूस के माध्यम से शरीर के विजाती पदार्थ को अनुमति माध्यम से बाहर निकाला”जाता है इस अवसर पर प्रसिद्ध चिकित्सक धमतरी के नेचुरोडॉक्टर दिनेश नाग द्वारा द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के महत्व के संबंध में बताया सारगर्भित उद्बोधन में कहा इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के संस्थापक पद्मश्री डॉक्टर अग्रवाल जी के अथक पहला एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अनत बिरादर जी के प्रयास से
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के के इच्छा अनुसार विश्व की सबसे प्राचीन ऋषि मुनियों की चिकित्सा पद्धति प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति दिवस 18 नवंबर की घोषणा की
2018 से निरंतर इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन भारत के सभी राज्यों में एवं विदेशों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार एवं घर-घर तक प्राकृतिक चिकित्सा नेचर प्रति का प्रचार प्रसार हो सस्ती ड्रग्लेस पेथी के प्रति लोगों में जागृति आए इस उद्देश्य को लेकर 18 नवंबर की घोषणा से लगातार आई एन ओ कार्य कर रहा है
प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय परंपरागत नदी वैद्य डॉक्टर गणेश पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में नाडीपरीक्षण का बड़ा महत्व है
स्वास्थ्य की तीव्रता के लिए हमारे चारों ओर प्राकृतिक संसाधनों का भंडार फैला हुआ है यह बीमारियों से बचाव करने वाला है सूर्य प्रकाश जल वायु आहार आदि स्वास्थ्य के लिए अमूल्य है क्योंकि ऐसा माना जाता है की प्रकृति में मनुष्य का अस्तित्व इसी से लयमय’में होता है
इस अवसर पर आई एन ओ के प्रदेश सचिव डॉक्टर छगनलाल सोनवानी जी को बधाई दी गई जिन्होंने योग शिक्षा में पीएसजी की उपाधि प्राप्त की सभी सदस्यों ने उन्हें बधाई दी इस अवसर पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा 22 नवंबर से छत्तीसगढ़ के सभी विद्यालय महाविद्यालय में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को हम किस प्रकार अपने इसको लेकर 100 प्रश्नों की एक प्रतियोगिता कौन बनेगा स्वास्थ्य शिक्षक अभियान की शुरुआत की जाएगी शासकीय अर्थशास्त्र की महाविद्यालय में निशुल्क रूप से या प्रतियोगिता होगी इसमें प्रथम द्वितीय तिथि को प्रथम नगद पुरस्कार दिए जाएंगे एवं पार्टिसिपेट को प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा इस प्रतियोगिता में आठवीं से लेकर 12वीं तक और महाविद्यालय के सभी युवा छात्र एवं अन्य 60 वर्ष के प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने वाले सभी भाग दे सकेंगे सभी को प्रमाण पत्र भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा

इस अवसर पर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विचार मंच के डॉक्टर प्रकाश अर्जुन अर्जन्य अपने उद्योजन में कहा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति महात्मा गांधी जी की सबसे पसंदीदा चिकित्सा पद्धति थी नेचुरोपैथी के प्रति उनका अपने जीवन में सभी प्रकार के प्रयोग किया उन्होंने और वह स्वयं प्राकृतिक
चिकित्सा को अपनाते थे
उन्होंने कहा नेचुरोपैथी के अनुसार मनुष्य का शरीर स्वयं स्वस्थ हो जाता है जब उसे अकेला छोड़ दिया जाए_
प्राकृतिक चिकित्सा को एक समग्र विज्ञान की संज्ञा महात्मा गांधी ने दी

इस अवसर पर गढ़ चिरोली महाराष्ट्र के अनुसंधान करने वाले प्राकृतिक चिकित्सा

द्वारा अपने उत्पादन में कहा कि जीवन शैली की संकल्पना स्वास्थ्य से जुड़ी है और उसे प्राकृतिक जीवन के नियमों के साथ चलना चाहिए

इस अवसर पर इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर प्रमोद नामदेव डॉक्टर मेघराज साहू डॉक्टर निर्मल गुप्ता एवं डॉक्टर शंकर यादव के साथ-साथ अनेक प्राकृतिक चिकित्सकों ने संगोष्ठी में अपने-अपने विचार रखें

आयोजन के अंत में वर्चुअल आभार प्रदर्शन वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर आदित्य टंडन द्वारा किया गया
वर्चुअल संगोष्ठी में डॉक्टर प्रकाश अर्जुनवार डॉक्टर कल सोनवानी मनोज ठाकरे डा निर्मला गुप्ता ग डॉक्टर शंकर यादव डॉक्टर प्रमोद नामदेव डॉ अमरनाथ शर्मा डॉक्टर गणेश पांडेके साथ-साथद डॉक्टर मानसी गुलाटी महाराष्ट्र।गढ़ चिरोली के शिक्षाविद प्रकाश किरकिरे प्रसिद्ध एवं पी जोशी डा-मेघराज साहू*बालू राम वर्मा विक्रांत कश्यप जानकी नाथ लवली आनंद मुकेश त्रिपाठी प्रकाश गुप्ता ललन मिश्रा योगेश सोना शशिकांत दुबे दिनेश पटेल के अलावा 75 प्राकृतिक चिकित्सा प्रेमी चिकित्सकों ने वर्चुअल नेचुरल संगोष्ठी में शामिल हुए