November 15, 2024

*नर को नारायण पद प्राप्त करने के लिए उत्तम सोपान है श्रीमद भागवत = पं, हरगोपाल शर्मा*

भाटापारा= विश्नोई परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भक्ति की गंगा बह रही है जिसका श्रद्धालु जन भरपूर लाभ ले रहे है ।
व्यास पीठ पर कथा वक्ता के रूप में भाटापारा निवासी पंडित हरगोपाल शर्मा द्वारा अपनी ओज पूर्ण वाणी से भगवान व उनके भक्तों के दिव्य चरित्र को संगीतमय कथा के माध्यम से बताया जा रहा है ।भागवत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया की भागवत समस्त वेदों और उपनिषदों का सार है जीव के एक जन्म ही नहीं अन्नत जन्मों के भाग्य उदय होते है तो ही श्रीमद् भागवत कथा श्रवण में रुचि हो पाती है ।चिंतन कैसे बढ़े और चिंता से मुक्ति कैसे मिले इसकी शिक्षा हमें जिस सदग्रंथ से मिलती है वो श्रीमद् भागवत है । व्यक्ति अगर अपना कल्याण चाहता है तो उसे जिस परमात्मा की इच्छा शक्ति से ये पूरा विश्व पालित होता और लय होता है उस सत्य स्वरूप भगवान का चिंतन सदैव करते रहना चाहिए ।
पंडित हरगोपाल शर्मा ने कथा के माध्यम से बताया की विपत्ति को विपत्ति व संपत्ति को संपत्ति नहीं कहते भगवान को भूल जाना ही सबसे बड़ी विपत्ति व भगवान की याद बनी रहना ही सबसे बड़ी संपत्ति है ।शरीर की पवित्रता सेवा करने से,धन की पवित्रता दान से और मन की पवित्रता भगवान के कीर्तन करने से होती है । सुकदेव जी व परीक्षित के जन्म के साथ ही परीक्षित व कलयुग के संवाद को बड़े ही विस्तार से कहा ।उन्होंने कहा की व्यक्ति को अगर ब्रह्मतेज चाहिए तो उसे ब्रहस्पति,इंद्रिय बल के लिए इंद्र,संतान प्राप्ति हेतु प्रजापतियों,लक्ष्मी के लिए मायादेवी,आयु के लिए अश्विनी कुमार,सौंदर्य के लिए गंधर्वों,विवाह के लिए उर्वशी अप्सरा, विद्या के लिए शंकर व पति पत्नी में प्रेम के लिए मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए किंतु जो निष्काम अथवा सभी कामनाओं को पूर्ण करना चाहे या मोक्ष चाहे उसे श्री हरी का भजन करना चाहिए जिसमे नर को नारायण बनाने का सामर्थ है जो व्यक्ति मानव शरीर पाकर भगवान का भजन नहीं करते उनका जीवन सुअर,कुत्ता,ऊंट व गधे के समान व्यर्थ होता है इसलिए जीव को सदा भगवान नाम का आश्रय लेना चाहिए ।
प्रतिदिन कथा श्रवण हेतु काफी संख्या में शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र से श्रद्धालु उपस्थित हो रहें है एवं कथा के मध्य श्याम मित्र मंडल के गिरधर महाराज,संजू महाराज व गुड्डू भाई के द्वारा संगीत के साथ गाए जा रहे भजनों पर भाव विभोर हो नाच गा रहे है ।