लूडो, ताश और… सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को ‘बिजी’ रखने का क्या है प्लान
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रहे सिलक्यारा टनल धंसने के चलते 41 मजदूर 13 दिन से फंसे हुए हैं. मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं मजदूरों को पाइप के जरिए भोजन-पानी, दवाई और ऑक्सीजन भेजी जा रही है. इस बीच एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बचाव दल ने सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बोर्ड गेम और प्लेइंग कार्ड उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. क्योंकि उन्हें निकालने का अभियान कई दिक्कतों की वजह से बाधित हो रही है. गुरुवार की देर रात, ध्वस्त सुरंग के मलबे के माध्यम से बोरिंग को फिर से रोक दिया गया था. हालांकि आज फिर से ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है.
श्रमिकों को निकालने के अभियान में कई व्यवधान आ रहे हैं. बृहस्पतिवार देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी। ड्रिलिंग का काम शुक्रवार सुबह भी प्रारंभ नहीं हो सका.
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम उन्हें (फंसे हुए मजदूर) तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं. अभियान में देरी हो रही है और ऐसा लगता है कि कुछ समय और लगेगा.’’ उन्होंने कहा कि सभी 41 श्रमिक ठीक हैं लेकिन उन्हें स्वस्थ और मानसिक रूप से ठीक रहने की जरूरत है.
गोंडवाल ने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया कि वे ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं, तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं.’ इन श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि उनका मनोबल ऊंचा रहना चाहिए और उन्हें आशावान रखना चाहिए. चिकित्सकों की एक टीम प्रतिदिन श्रमिकों से बात करती है और उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी लेती है.