Mumbai Attack 26/11 भारत पर हमले की 14वीं बरसी , आतंकी मौत के घाट उतरे, पर आतंकी हमले का जख्म नहीं भूला देश
रोमी सिकदर. रायपुर। 26/11। मुंबई आतंकी हमला। पाकिस्तान से आए आतंकियों का हमला भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भुला सकता।
पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से आए और मुंबई में 60 घंटे की घेराबंदी के दौरान गोलीबारी की, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उन शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की, जिन्होंने 14 साल पहले आज ही के दिन महानगर पर हमला करने वाले आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
उन्होंने दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, मंत्री दीपक केसरकर, मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ, मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों को भारत के इतिहास में सबसे काला दिन माना जाता है। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न हिस्सों में ताबड़तोड़ हमले किए, जिसमें 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हमले में एकमात्र जीवित आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब को गिरफ्तार किया गया था जिसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी।
कब और कैसे हुआ था हमला
हमले की शुरुआत शाम करीब साढ़े सात बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर हुई। इसके बाद आतंकवादियों ने ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे और कई अन्य जगहों पर हमले किए। हमले 60 घंटे तक चले और सुरक्षा बलों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी।
आखिरकार 29 नवंबर को आतंकवादियों को मार गिराया गया। 26/11 के हमलों ने भारत को हिलाकर रख दिया था। इन हमलों ने देश की सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियों को उजागर किया। सरकार ने इन खामियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
अब बात करते हैं कि आतंकी भारत कैसे पहुंचे। पाकिस्तान के कराची से मुंबई तक की यात्रा की। रास्ते में, उन्होंने एक मछली पकड़ने वाली ट्रॉलर का अपहरण कर लिया और चालक दल के पांच सदस्यों को मार डाला।
आतंकवादी गेटवे ऑफ इंडिया स्मारक के पास मुंबई तट पर रुके थे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने एक पुलिस वैन सहित कारों का अपहरण कर लिया और हमलों को अंजाम देने के लिए कम से कम तीन समूहों में विभाजित हो गए। हमलावरों ने स्वचालित हथियारों और ग्रेनेड का इस्तेमाल किया