November 22, 2024

चीन में फैल रहे नए वायरस से भारत में कितना खतरा, जानें ऐसे ही 5 सवालों के जवाब

चीन में एक नया वायरस फिर चिंता पैदा कर रहा है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक उत्तरी चीन में बच्चों में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है. इनसे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है. हालांकि चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को दावा किया कि चीन भर में सांस की बीमारियों में अचानक वृद्धि के पीछे कोई नया वायरस नहीं है। यह बयान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा देश में ‘बच्चों में निमोनिया के क्लस्टर’ की रिपोर्ट पर चिंता जताए जाने के बाद आया है.

चीन में नए वायरस को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को वायरल बुखार और सांस से जुड़ी बीमारियों पर सतर्क रहने को कहा है. हालांकि यह सवाल बना हुआ है कि भारत को इस खतरे को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए. यह याद में रखना चाहिए कि चार साल पहले चीन में एक नई बीमारी के लक्षण देखे गए जिसे बाद में दुनिया ने कोविड-19 के रूप में जाना.

क्या है चीन का नया वायरस?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कोई नया वायरस नहीं है. चीन में एच9एन2 वायरस की वजह से इन्फ्लूएंजा फैला है. फिलहाल वहां नियंत्रम में बताया जा रहा है लेकिन इसके मरीजों की संख्या तेजी से फैलती है. H9N2 वायरस पहली बार 1966 में अमेरिका में सामने आया था. तब ये वायरस जंगली टर्की पक्षी के झुंड में पाया गया था.  ये वायरस पॉल्ट्री फार्म में सबसे ज्यादा फैलता है. यह पक्षियों के साथ इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है.

तेजी से बदलता है इसका रूप
एच9एन2 वायरस की कई लहरें पहले भी आ चुकी हैं. दरअसल इस वायरस का रूप काफी तेजी से बदलता है यही कारण है कि एक समय के बाद लोग इसकी चपेट में आते रहते हैं. वायरस के रूप बदलने के दो तरीके होते हैं. एक तरीके को ड्रिफ्ट कहा जाता है जिसमें वायरस में मामूली बदलाव होते हैं जबकि दूसरे को शिफ्ट कहते हैं कि जिसमें वायरस में अचानाक इतना बदलाव आता है कि एक वायरस नया प्रोटीन बन जाता है. नया प्रोटीन होने की वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इससे अचानक नहीं लड़ पाती.

अभी क्यों फैल रही है यह बीमारी
इन्फ्लूएंजा आमतौर पर सर्दी के मौसम में फैलता है. चीन में भी इस समय सर्दी पड़ रही है. बच्चे चूंकि एक दूसरे के संपर्क में ज्यादा आते हैं इसलिए उनमें इस बीमारी के फैलने का खतरा काफी रहता है.

इंसानों के लिए कितनी खतरनाक है यह बीमारी
एच9एन2 को इंसानों के लिए कम खतरनाक माना जाता है. इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं.  इंसानों के संक्रमित होने का सबसे पहला मामला 1998 में हॉन्गकॉन्ग में सामने आया था.

भारत को नए वारयस से कितना डरने की जरुरत
इस वायरस के भारत आने की संभावना हो सकती है. इन्फ्लूएंजा समय समय पर दुनिया भर में फैलता रहा है. इसलिए भारत को अलर्ट रहने की जरुरत है क्योंकि इस तरह के इन्फ्लूएंजा का पता बहुत देरी से लगता है. इस लिहाज से सावधानी बरतने की जरुरत है. इसलिए भारत सरकार ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है.