November 15, 2024

पार्टी की हार, सारे सर्वे भी फेल, हम भी नहीं भांप पाए टीएस सिंहदेव

 

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्‍त मिली है। पार्टी को यह चिंतन करना पड़ेगा कि सारे सर्वे भी फेल हुए और हम भी नहीं भांप पाए, हमें लग रहा था कि कांग्रेस की सरकार ज़रूर बनेगी। काम भी किया तभी हमें कुछ वोट मिले और क्या नहीं किया जिस कारण से वोट नहीं मिले। इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत उतना ही रहा लेकिन भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। एक स्थानीय न्यूज चैनल को दिए वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने राज्य में कांग्रेस की हार के कारण गिनाए हैं. टीएस सिंह देव ने कहा कि कांग्रेस के आंतरिक मसलों के साथ-साथ भाजपा की ओर से उठाया गया भ्रष्टाचार का मुद्दा पार्टी की हार का कारण हो सकता है। सिंह देव का कहना है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा जनता के बीच बड़ा है और यह चुनावी प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी हार के बाद पार्टी की आंतरिक समस्याओं का सामना करने और वह अब इससे सीख कर आगे बढ़ने की कोशिश करेगी।

छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में, सरगुजा संभाग में भाजपा ने एक बड़ा स्वीप करते हुए अपनी शक्ति को पुनर्निर्माण किया है, जबकि दुर्ग संभाग में भी भजपा ने दबदबा बनाए रखा है। इस चुनाव में बस्तर और बिलासपुर संभाग में टक्कर दिखा, जबकि रायपुर संभाग में भाजपा ने अपनी बढ़त बनाए रखी है। देखा जाएं तो इस चुनाव में कांग्रेस का राज्य के 8 जिलों में खाता नहीं खुला है,

राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो 5 साल की कांग्रेस सरकार इस प्रकार से हार नहीं सकती थी । कांग्रेस ने सारंगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बालोद, खैरागढ़, मोहला-मानपुर, बीजापुर और सुकमा जिलों में जीत हासिल की वहीं भाजपा का यह से भाजपा का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया।
वहीँ मनेंद्रगढ़, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, जीपीएम, मुंगेली, रायपुर, बेमेतरा, कबीरधाम, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा।कोंग्रेस के उम्मीदवारों को हर का सामना करना पड़ा।

इस परिणाम से साफ यह हो गया भाजपा ने राज्य के कई हिस्सों में कांग्रेस के खिलाफ अपनी मजबूती बनाए रखी है, जबकि भाजपा ने अपनी परफॉर्मेंस में सुधार करते हुए रायपुर संभाग में अपना प्रभाव बढ़ाया है। यह चुनौतीपूर्ण चुनाव स्थिति ने राज्य की राजनीतिक दारी में कुछ नई रेखाएं खींची हैं और विभिन्न संभागों में दोनों प्रमुख दलों के बीच बराबरी की जंग का सामना कर रही है।