November 15, 2024

बीएसपी द्वारा दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व

विभाग (सीएसआर) द्वारा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के सहयोग से 04 दिसम्बर 2023 को बीएसपी के मानव संसाधन विकास विभाग में आयोजित कार्यक्रम में चिन्हांकित दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), डाॅ ए के पंडा, कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री समीर स्वरूप, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) श्री बी के गिरी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डाॅ एम रविन्द्रनाथ उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित वरिष्ठ नागरिक और लाभार्थी दिव्यांगजन भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का औपचारिक रूप से उद्घाटन कर, संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कार्यपालक निदेशकों के साथ मिलकर 15 लाभार्थियों दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, स्मार्ट केन, स्मार्टफोन, नी ब्रेस और श्रवण यंत्र सहित कई सहायक उपकरण वितरित किए। परीक्षण शिविर में भिलाई और आसपास के क्षेत्रों के चिन्हांकित 311 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरणों का वितरण किया जाएगा।
संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने इस सकारात्मक पहल का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, हालांकि तकनीकी प्रगति ने दिव्यांगजनों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की है। सामाजिक कल्याण की दिशा में यह संयंत्र का सार्थक प्रयास है। हम सभी को दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर जीवन व्यतीत करने में सहायता प्रदान करने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करना चाहिए।
कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार ने भी बीएसपी के सीएसआर विभाग द्वारा क्षेत्र के जरूरतमंद दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण हेतु चलाए जा रहे इस पहल पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) श्री जे वाई सपकले ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन सीएसआर विभाग की कार्मिक श्रीमती रजनी रजक ने किया तथा महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन नायर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सेल ने देश भर में फैले अपने विभिन्न इकाइयों और यूनिट संस्थानों के माध्यम से बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए। विदित हो कि बीएसपी के सीएसआर विभाग द्वारा एलिम्को के सहयोग से दिव्यांगजनों व वरिष्ठजनों को सहायक उपकरणों के वितरण हेतु भिलाई और आसपास के विभिन्न स्थानों पर सितंबर, 2023 में निःशुल्क परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया था।
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दिनांक 05.12.2023
सेल-बीएसपी सिंटर प्लांट विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर कार्यशाला का उद्घाटन
दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर (लियो) कार्यशाला का 05 दिसंबर, 2023 को भिलाई निवास में उद्घाटन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटर प्लांट विभाग व मानव संसाधन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। कार्यशाला का विषय रिडक्शन आॅफ सिंटर रिटर्न फाइन्स-मुद्दे और अवसर है। कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि थे। निदेशक प्रभारी (बीएसएल एवं आरएसपी) श्री अतनु भौमिक ने भी इस कार्यशाला के प्रथम दिन वर्चुअली उपस्थित होकर कार्यशाला के विषय पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, दुर्ग की प्रिंसिपल डॉ वर्षा पंड्या चौरसिया, मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सर्विसेस) श्री पी के सरकार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) श्री असित साहा उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-आईएसपी) श्री ए के घोष, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-बीएसएल) श्री बी के बेहरा सहित मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित सिंटर प्लाट्स के कर्मचारी भी उपस्थित थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला में सेल की विभिन्न इकाई बीएसएल, डीएसपी, आईएसपी, आरएसपी, आरडीसीआईएस और माइन्स के साथ-साथ निजी इस्पात संयंत्रों जेएसडब्ल्यू, आरआईएनएल, टाटा स्टील, नेको, टीएसके, टीएसएम तथा अन्य इस्पात संयंत्रों के सिंटर प्लांट विभाग के कई प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार ने अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसके बाद सरस्वती वंदना के साथ सिंटर प्लाट्स के कर्मचारियों द्वारा छत्तीसगढ़ी स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। सीजीएम (एचआरडी एंड बीई) श्रीमती निशा सोनी ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा सीजीएम (सिंटर प्लाट्स) श्री अनूप कुमार दत्ता ने लियो कार्यशाला के विषय और तकनीकी सत्रों के बारे में जानकारी दी।
श्री अंजनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया के लिए सिंटर बनाना सबसे महत्वपूर्ण है और प्रत्येक इस्पात संयंत्र अपने द्वारा उत्पादित सिंटर की गुणवत्ता और मात्रा से प्रभावित होता है। श्री अंजनी कुमार ने प्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आइए सामूहिक रूप से विचार-मंथन करें व हमारे इस्पात संयंत्रों में अधिक कुशल, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सिंटर उत्पादन की प्रक्रिया का सृजन करने के लिए अपने समय और बुद्धि का उपयोग करके इस सिंडिकेट चर्चा में अपनी अंतर्दृष्टि साझा करें।
कार्यशाला में वर्चुअली जुड़े निदेशक प्रभारी (बीएसएल एवं आरएसपी) श्री अतनु भौमिक ने अपने संबोधन में प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सिंटर उत्पादन, इस्पात निर्माण में शामिल लोगों के लिए बहुत रुचिकर विषय है और सिंटर रिटर्न फाइन्स को कम करना व इस प्रक्रिया को और बेहतर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हम अभी भी अधिक टिकाऊ सिंटरिंग प्रक्रिया का सृजन करने की राह पर हैं। यह कार्यशाला एक-दूसरे के अनुभवों का सदुपयोग, सामूहिक चर्चा व विचार-विमर्श कर इस्पात उद्योग के लिए मौलिक, ब्लास्ट फर्नेस टेक्नोलाॅजीस, के लिए एक अभिनव समाधान देने का अवसर है।
कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार और शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, दुर्ग की प्रिंसिपल डॉ. वर्षा पंड्या चौरसिया ने भी कार्यशाला के विषय पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक (कार्मिक) सुश्री सुष्मिता पाटला द्वारा किया गया तथा उप महाप्रबंधक (एचआरडी) श्री मुकुल कुमार सहारिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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