बीएसपी द्वारा आयोजित दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर कार्यशाला का समापन
बीएसपी द्वारा आयोजित दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर कार्यशाला का समाप
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटर प्लांट विभाग द्वारा मानव संसाधन विभाग के सहयोग से आयोजित लर्निंग फ्राॅम इच अदर (लियो) कार्यशाला का समापन 06 दिसंबर 2023 को भिलाई निवास के बहुउद्देशीय सभागार में किया गया। कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार उपस्थित थे। कार्यशाला का विषय रिडक्शन आॅफ सिंटर रिटर्न फाइन्स-मुद्दे और अवसर है। इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 05 से 06 दिसंबर, 2023 को भिलाई निवास में किया गया।
इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स) श्री अनुप कुमार दत्ता, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-आईएसपी) श्री ए के घोष, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-बीएसएल) श्री बी के बेहरा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित सिंटर प्लाट्स के कर्मचारी भी उपस्थित थे।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में सेल की विभिन्न इकाई बीएसएल, डीएसपी, आईएसपी, आरएसपी, आरडीसीआईएस और माइन्स के साथ-साथ निजी इस्पात संयंत्रों जेएसडब्ल्यू, आरआईएनएल, टाटा स्टील, नेको, टीएसके, टीएसएम तथा अन्य इस्पात संयंत्रों के कई प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। सेल की विभिन्न इकाइयों व अन्य निजी इस्पात संयंत्रों के विशेषज्ञ प्रतिनिधियों की छह टीमों द्वारा सिंडिकेट चर्चा के साथ-साथ एक व्यापक विचार-विमर्ष सत्र आयोजित किया गया। माइन्स, सिंटर प्लाट्स, ब्लास्ट फर्नेस और ओर बेनिफिसियेशन प्लाट्स में विभिन्न प्रक्रियाओं को शामिल करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। कार्यशाला के उद्देश्य को प्राप्त करने के साथ-साथ सिंटर प्लाट्स को और अधिक सस्टेनेबल और दक्ष बनाने की दिशा में अभिनव पहल पर विचार किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा विभिन्न इस्पात संयंत्रों से आए प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार ने कहा कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में प्राप्त ज्ञान और अनुभव, सभी भाग लेने वाले संगठनों को निश्चित रूप से सिंटर रिटर्न फाइन्स में महत्वपूर्ण कमी लाने व बेहतर सिंटर का उत्पादन करने में सहायक होगा। साथ ही भारतीय इस्पात उद्योग के बेहतर भविष्य के निर्माण में मदद मिलेगी। श्री कुमार ने कहा मुझे उम्मीद है कि आप सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई शहर और छत्तीसगढ़ से एक सुखद स्मृति लेकर जाएंगे।
मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-आईएसपी) श्री ए के घोष, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-बीएसएल) श्री बी के बेहरा ने भी सभा को संबोधित किया और इस पहल की सराहना करते हुए दो दिवसीय कार्यशाला के बारे में अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।
मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स) श्री अनुप कुमार दत्ता ने अपने संबोधन में कार्यशाला से जुड़े अपने अनुभव के बारे में जानकारी प्रदान की तथा लियो कार्यशाला की योजना और आयोजन में उनका समर्थन करने के लिए सिंटर प्लांट बिरादरी को धन्यवाद दिया।
कार्यशाला में उपस्थित संबंधित इस्पात संयंत्रों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कार्यशाला की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक (कार्मिक) सुश्री सुष्मिता पाटला द्वारा किया गया।
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दिनांक: 05.12.2023
इस्पात बिरादरी की राय शूमारी से ही सेल-विजन के प्रारूप का निर्माण होगा
फॉर्म भरने की तिथि दो दिन के लिए बढ़ाई गई
भारत के विश्व गुरु बनने की दिशा में एक और सशक्त कदम और मेक इन इंडिया के इस चुनौती भरे दौर में भारतीय उद्योगों को नई ऊर्जा, दृष्टि और सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए पुर्ननिर्माण और व्यावसायिक सोच के साथ आगे आना होगा। विश्वगुरु बनने के इस परिवर्तनशील समय में देश की महारत्न कंपनी स्टील ऑथाॅरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने अपने विजन (दृष्टि पथ) के पुनः प्रारूप के निर्माण की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किए हैं। कंपनी के नये विजन (दृष्टि पथ) के निर्माण के लिए सेल बिरादरी के सदस्यों की राय शूमारी और विचार एकत्र किया जा रहा है। यह तिथि दो दिन 7 दिसम्बर 2023 तक के लिए बढ़ा दी गई है।
भिलाई इस्पात संयंत्र में 18 नवंबर 2023 को एक समारोह में निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने इससे संबंधित एक साइट और प्रश्नावली का औपचारिक विमोचन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते उन्होंने कहा कि ‘एक नया विजन स्टेटमेंट हमारी आकांक्षा है। मैं सभी कर्मचारियों और हितधारकों से इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करता हूं।’ उन्होंने कहा कि “हमारे लिए प्रत्येक की राय महत्वपूर्ण है, जिससे हम अपने विजन स्टेटमेंट को सामूहिक रूप से अपना सकें। हमें अपने दृष्टिकोण से कंपनी को नई दिशा, सोच और स्थायित्व की ओर प्रेरित कर सकें।”
किसी भी संगठन का दृष्टिपथ (Vision Statement) संगठन के दीर्घकालिक लक्ष्यों की घोषणा है, जिसमें बताया जाता है कि वह संगठन क्या बनना चाहता है। यह किसी भी संगठन के लिए एक लक्ष्य के रूप में कार्य करता है। सेल अपने दृष्टिपथ को तैयार करने की प्रक्रिया में हैं और इसमें सभी कार्मिकों का विचार महत्वपूर्ण हैं। कार्मिकों के विचार और सुझाव प्राप्त करने के लिए एक द्विभाषी सर्वेक्षण प्रश्नावली एएससीआई हैदराबाद (Bilingual survey questionnaire, ASCI, Hyderabad) द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसे ऑनलाइन भरा जा सकता है। इस ऑनलाइन प्रश्नावली का लिंक/क्यूआर कोड संयंत्र के होम पेज पर उपलब्ध हैं।
आजादी के बाद देश के लिए इस्पात की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सोवियत संघ के सहयोग से भिलाई इस्पात संयंत्र, जर्मनी के सहयोग से राउरकेला इस्पात संयंत्र और ब्रिटिश सहयोग से बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना की 1959 की गई। लौह एवं इस्पात उद्योग से जुड़े कई संस्थानों और हिन्दुस्तान स्टील कंपनी को मिलाकर 4 फरवरी, 1972 में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ‘सेल’ (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड) की स्थापना की गई। स्थापना के बाद 90 के दशक में निर्मित दृष्टि पथ, ध्येय पथ और लक्ष्य को बदलती वैश्विक व्यवसायिक परिस्थितियों में पुर्ननिर्माण किया जाना आवश्यक हो गया है। नए प्रारूप के निर्माण हेतु प्रश्नावली के माध्यम से सभी कार्मिकों को शामिल किया जा रहा है। देश की इस्पात निर्माता कंपनी ‘सेल’ के 50 वर्ष से अधिक समय पूरा होने पर अब कंपनी को नई दृष्टि, सोच और ऊर्जा की आवश्यकता है। इसलिए कंपनी ने यह पहल की है।
कंपनी के इस उन्नतशील प्रयासों का अधिकारियों, कार्मिकों और सेल बिरादरी से जुड़े अन्य संगठनों ने स्वागत किया है। इस पर सेफी के चेयरमैन और आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेंद्र बंछोर ने कहा कि बदलते परिवेश में सार्वजनिक संस्थाओं को कैसे आगे बढ़ना है और अपने लक्ष्य निर्धारित करना है, इसके लिए हमारी कंपनी सेल अपने प्रत्येक कर्मचारी की राय ले रही है। यह हम सभी के लिए एक सुअवसर है कि हम अपनी कंपनी को अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप बनाने में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित के इस कार्य में इस्पात बिरादरी के प्रत्येक सदस्य को स्वयं आगे बढ़कर भाग लेना चाहिए। कंपनी उन्नति करेगी तो देश उन्नत होगा। कार्मिक भी आगे बढ़ेंगे।
इसी कड़ी में ‘स्टील वर्कर्स यूनियन’ के अध्यक्ष श्री उज्वल दत्ता ने इसके संबंध में कहा कि यह अच्छी पहल है। कंपनी सबके विचार जानने का प्रयास कर रही हैं। मेरा कहना है कि सभी स्वतंत्र रुप से अपने विचार रखें। किसी के प्रभाव में नहीं। ‘एटक’ के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार सोनी ने इस पर कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयास है। कार्मिकों को अपने विचार रखने का अवसर मिला है। एक तरह से यह महत्वपूर्ण विषय पर कार्मिकों की भागीदारी हैं। इस अवसर को गंवाना नहीं हैं। सेल के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर भी इसी तरह से कार्मिकों के विचार लिया जाना चाहिए। इससे कंपनी, सरकार और व्यक्ति विशेष के हितों की रक्षा होगी।
संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप-2 में कार्यरत श्री संजीव सिंह ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयास है। हम सभी को उसके उद्देश्य को समझना चाहिए। मिशन बिल्डिंग में हमारी क्या भागीदारी है। कंपनी ने ग्रासरूट लेबल के कार्मिकों के विचार जानने का प्रयास किया है, यह बहुत ही अच्छी कोशिश है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि इसके माध्यम से अपने विचार जरूर रखें। मर्चेंट और वायर राॅड मिल में कार्यरत सुश्री सुमन पांडे ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि मैंने भरा है। सभी प्रश्न कंपनी को लेकर है और इसमें आम कार्मिकों की राय ली जा रही है। इसमें शत प्रतिशत भागीदारी होना चाहिए।
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दिनाँकः 06.12.2023
भजन सम्राट एवं गजल गायक “पद्मश्री अनूप जलोटा” का भिलाई में 9 को आयोजन
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के तत्वाधान में, 09 दिसम्बर 2023 को भिलाई क्लब के क्रिस्टल गार्डन में, आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत “पद्मश्री अनूप जलोटा नाईट” कार्यक्रम का आयोजन, संध्या 7.30 बजे से किया जायेगा। इस आयोजन हेतु सभी प्रारंभिक तैयारियां जारी है। इस संगीत संध्या में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पद्मश्री अनूप जलोटा द्वारा भजन व गीत-गजल की विविध बानगी पेश की जायेगी।
इस आयोजन में श्री अनूप जलोटा जी के साथ संगतकार के रूप में गायिका सुश्री निताशा अग्रवाल, तबला वादन में श्री देवेन्दर कुमार भारती, गिटार वादन में श्री हिमांशु तिवारी तथा वायलिन वादन में श्री महेश राव संगत करेंगे। आयोजन में श्री अनूप जलोटा अपने बेहद चर्चित भजनों एवं गजलों की विशेष प्रस्तुतिओं को प्रस्तुत करेंगे।
सुर-संगीत से सजी इस शाम में स्थानीय व नवोदित कलाकारों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सुप्रसिद्ध कलाकार, श्री अनूप जलोटा जी की प्रस्तुति सुनने और उन्हें देखने का अवसर मिलेगा। गत वर्षों से सुर सम्राट अनूप जलोटा जी के अविस्मरणीय गायकी के प्रति रुझान को दृष्टिगत करते हुए, संयंत्र प्रबंधन द्वारा यह आयोजन भिलाई के संगीत प्रेमियों को समर्पित किया जा रहा है। इस आयोजन में भिलाई के संगीत प्रेमियों के लिये प्रवेश निःशुल्क है।
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दिनाँकः 06.12.2023
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय में सीपीआर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय में सीपीआर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, 6 दिसम्बर 2023 को किया गया। यह आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ एम रविन्द्रनाथ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद बिनायके, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीता द्विवेदी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर के मार्गदर्शन में किया गया।
ज्ञात हो, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एन बी ई) ने, पूरे भारत में एक व्यापक सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम प्रारंभ किया है। जिसका लक्ष्य, हृदय संबंधी आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक जीवन रक्षक कौशल में दक्ष बनाना है। इस पहल में, भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर- 9 स्थित, जवाहर लाल नेहरु अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र ने सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के सहयोग से, यह पहल पूरे भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कार्यक्रम की शुरुआत जवाहर लाल नेहरु अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित, एक सामूहिक प्रशिक्षण सत्र के साथ हुई। जहां 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सीपीआर तकनीकों पर आवश्यक जानकारी के साथ उपचार सम्बंधित व्यावहारिक दिशानिर्देश प्राप्त किए। इस प्रशिक्षण सत्र में शामिल प्रतिभागियों में, परिचारक कर्मचारी, सुरक्षा कर्मचारी, एम्बुलेंस चालक, नर्सिंग स्टाफ, पैरा-मेडिकल स्टाफ तथा डीएनबी रेसिडेंट्स के साथ-साथ चिकित्सा अधिकारी सम्मिलित थे।
एनबीई द्वारा प्रसारित की गई प्रस्तुतिकरण के दौरान, श्री गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा, सीपीआर के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया। प्रस्तुति के बाद, जवाहर लाल नेहरु अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञों, डॉ. तनुजा आनंद, डॉ. जयिता सरकार और डॉ. अमित अग्रवाल ने सीपीआर की प्रक्रिया का विस्तार से प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी देखरेख में, प्रतिभागियों को इससे सम्बंधित पुतलों का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी करके दिखाया। इसके लिए प्रतिभागियों को हार्ट-अटैक के संकेतों को पहचानना, छाती पर दबाव डालने की तकनीक, बचाव के लिए कृत्रिम सांस प्रदान करना (रेस्क्यू ब्रीद) और ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर (एईडी) को संचालित करने का तरीका सिखाया गया।
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