पार्ट टाइम जॅाब देने वाली वेबसाइट्स के खिलाफ एक्शन में सरकार, अब तक 100 को किया बैन
अब ऑनलाइन जॅाब देने के नाम पर फेक वेबसाइट्स आप से ठगी नहीं कर सकेंगी. क्योंकि सरकार ने ऐसी कंपनियों को चिंहित करना शुरू कर दिया है. यही नहीं 100 कंपनियों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है. यानि इन कंपनियों पूरी तरह बैन कर दिया है. आपको बता दें कि कोरोना के बाद से गूगल पर वर्क फ्रॉम जॉब्स और पार्ट टाइम जॉब सबसे ज्यादा सर्च किये जाने वाले वर्ड हैं. इन्हीं का फायदा जालसाज उठाते हैं. साथ ही पार्ट टाइम व ऑनलाइन वर्क का हवाला देकर लोगों से ठगी कर लेते हैं. गृह मंत्रालय के अलर्ट के बाद ऐसी फेक कंपनियों पर कार्रवाई की गई है…
ये वेबसाइट्स बेरोजगारों के सीधे माइंड पर अटैक करती है. यानि ऐसे सपने दिखाती हैं जैसे उन्हें कुछ किये बगैर ही पैसा मिलना शुरू हो जाएगा. अधिकतर वेबसाइट्स पर घर बैठे ऑनलाइन वर्क के नाम पर 3000 रुपए प्रति दिन कमाएं. या पार्ट टाइम जॅाब करके प्रतिदिन 5000 रुपए कमाएं जैसे भ्रामक विज्ञापन होते हैं. नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिसिस यूनिट (NCTAU) के इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने पिछले हफ्ते इन वेबसाइट की पहचान की और सेंटर ने इन्हें बंद करने की सिफारिश दे दी. एक्सपर्ट संदीप के मुताबिक” ये वेबसाइट यूजर्स को गलत तरीके से जॉब और निवेश का ऑफर देकर ठगी का शिकार बना रही थीं. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत इन वेबसाइट को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ब्लॉक किया,,.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन वेबसाइट्स का संचलन विदेश से चल रहा है. वहां बैठे साइबर ठग लोगों को फंसाने के लिए डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर्स और किराए पर लिए गए अकाउंट की मदद ले रहे हैं. साथ ही इन पर जॅाब संबंधी भ्रामक व फेक विज्ञापन डालकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं. धोखाधड़ी से आई रकम को ये लोग क्रिप्टो करेंसी, विदेशों में एटीएम निकासी और अंतराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों के जरिए निकाल लेते हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने फिलहाल 100 वेबसाइट्स को बंद किया है. बताया जा रहा है कि अन्य फेक वेबसाइट्स की जांच की जा रही है. आरोप सिद्ध होते ही इन पर भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सूचना एव प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने लोगों से भी अपील की है कि इस तरह की फर्जी वेबसाइट्स से नौकरी देने वालों के झांसे में ने आएं.