नाबालिग बच्चों को जबरन अश्लीलता की तरफ ढकेल रहा फेसबुक-इंस्टाग्राम
फेसबुक और इंस्टाग्राम की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, अमेरिका के न्यू मेक्सिको के अटॉर्नी जनरल ने मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अटॉर्नी जरनल ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर बच्चों के शोषण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है. न्यू मेक्सिको के अटॉर्नी जनरल राउल टोरेज का आरोप है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं और आपत्तिजनक पोस्ट्स के जरिए नाबालिगों को अश्लीलता के लिए उकसाने का काम करते हैं.
राउल टोरेज के मुताबिक, फेसबुक और इंस्टाग्राम बच्चों को शिकार बनाने वाले अपराधियों की मंडी बन चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दिलचस्पी ना होने के बाद भी बच्चों की फेसबुक और इंस्टाग्राम फीड में आपत्तिजनक और प्रतिबंधित कॉन्टेंट डाले जाते हैं. सबूत देने के लिए राउल टोरेज ने एक एक्पेरिमेंट भी किया था. वो भी जान लीजिए.
ऐसे खुल गई पोल
राउल टोरेज ने कहा कि फेसबुक और इंस्टाग्राम की पोल खोलने के लिए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कुछ बच्चों के फेक अकाउंट बनाए थे. जैसे ही ये फेक अकाउंट बनाए गए, वैसे ही फेसबुक और इंस्टाग्राम के एल्गोरिदम की वजह से उन पर अश्लील तस्वीरें और एडल्ड कॉन्टेंट आने लगे.
अश्लील कॉन्टेंट, साइबर बुलिंग से कैसे बचें?
इतना ही इन काल्पनिक किशोरों के फॉलोअर्स में हजारों व्यस्क लोग भी जुड़ गए. राउल टोरेज ने कोर्ट से अपील की है कि वो मेटा को उसकी पॉलिसी में बड़े बदलाव करने का आदेश दें. ताकि भविष्य में बच्चों को अश्लील कॉन्टेंट, साइबर बुलिंग और यौन शोषण का शिकार होने से बचाया जा सके.
मेटा ने दिया ये जवाब?
वहीं, मेटा की दलील है कि वो बच्चों के हितों की रक्षा के लिए सारे जरूरी कदम उठा रहा है. इसके लिए काम करने वाली टास्क फोर्स के मुताबिक, मेटा ने अपनी चाइल्ड सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए अगस्त में ही 5 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को हटा दिया था.