डॉ खूबचंद बघेल महाविद्यालय में विश्व मानवाधिकार दिवस
के अवसर पर महाविद्यालय के आई क्यू ए सी प्रभाग एवं समाजशास्त्र विभाग के द्वारा *मानवाधिकार एवं संवैधानिक मौलिक अधिकारों की महत्ता* विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता आईसीएफएआई विश्वविद्यालय रायपुर के विधि संकाय की डॉक्टर प्याली चटर्जी थी एवं सहयोगी श्री होमी महिकवार थे। डॉ प्याली चटर्जी ने मानवाधिकार एवं संवैधानिक मौलिक अधिकारों की महत्व पर तुलनात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होनें अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी व्याख्या की।उन्होनें बताया कि जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत तक सभी मनुष्यों को मानवाधिकार प्राप्त होता है ।
डॉ प्याली चटर्जी ने मानवाधिकार के घोषणा की इतिहास को क्रमबद्ध रूप से छात्रों के सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होनें भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार के सभी अनुच्छेदों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉक्टर प्याली चटर्जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित वर्ष 2023 की थीम “सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता एवं न्याय”पर भी विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर रीना मजूमदार ने मानव कल्याण एवं गरिमा के लिए मानवाधिकारों की उपयोगिता पर छात्रों को प्रेरक संबोधन दिया। कार्यक्रम में आइक्यूएसी प्रमुख डॉक्टर मनीष कालरा ने बताया कि मानवाधिकारों के माध्यम से विश्व में व्यक्तियों को स्वतंत्रता, समानता, स्वायतत्ता एवं गरिमामय जीवन संभव हो पा रहा है। कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक श्रीमती उमा आडिल ने किया। कार्यक्रम में समाजशास्त्र विभाग की विभाग अध्यक्ष श्रीमती मंजू दांडेकर ने विशेष सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक गण डॉक्टर भारती सेठी, डॉक्टर शीला विजय, डॉक्टर शैलेंद्र ठाकुर, डॉ रमेश कुमार त्रिपाठी, डॉ रेनू वर्मा, डॉक्टर श्रीकांत प्रधान, श्री दिनेश देवांगन, श्री खोमन बंछोर,डॉ पूजा यादव, डॉक्टर चूड़ामणि,कुमारी निधि, कुमारी पूजा देवांगन एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।