November 24, 2024

इस्पात मंत्रालय ने कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था और इस्पात क्षेत्र में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के उपयोग विषय पर चिंतन शिविर का आयोजन किया

 

केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस्पात क्षेत्र में कृत्रिम प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को अपनाने और बढ़ाने के महत्व पर बल देते हुए कल नयी दिल्ली में एक चिंतन शिविर के आयोजन में अपने विचार रखे| इस चिंतन शिविर में केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी शामिल थे|

इस चिंतन शिविर में केंद्रीय इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस्पात क्षेत्र के हितधारकों से अपने संबंधित इस्पात संयंत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के अनुप्रयोग को बढ़ाने का आग्रह किया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री महोदय ने इस्पात मंत्रालय द्वारा आज नई दिल्ली में आयोजित चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए दोहराया कि चिंतन शिविर का उद्देश्य आर्थिक व्यवस्था को विकसित करने के प्रति हमारे दायित्व को समझना और हमारे बौद्धिक और ज्ञान के आधार को गहरा करना है, जिसे देश के विकासात्मक क्षेत्र में लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर चिंतन शिविर के अलावा, मंत्रालय को एक निरंतर सीखने वाला मंत्रालय बनाने का भी प्रयास करना चाहिए, जिससे हमारे विकासात्मक लक्ष्यों में बेहतर योगदान के लिए व्यापक वातावरण की समझ में सुधार हो सके|

केंद्रीय इस्पात मंत्री महोदय ने कहा कि इस्पात निर्माण की पूरी अवधारणा में परिवर्तन आएगा और प्रथाओं को लगातार अद्यतन करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जैसा कि दुनिया डेटा आधारित निर्णय लेने पर ध्यान दे रही है, भारतीय इस्पात उद्योग को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी और उनके अनुप्रयोगों को लागू करने में सबसे आगे रहने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “इस्पात क्षेत्र में हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हरित इस्पात और नवीनतम प्रौद्योगिकियों की अवधारणा को अपनाकर धरती माता की रक्षा करना हमारा प्रथम दायित्व है।” उन्होंने भारतीय इस्पात बिरादरी को हरित परिवर्तन की लंबी राह पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सत्र के दौरान अपने विचार व्यक्त करने वाले पैनलिस्टों/विशेषज्ञों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान से हमारे ज्ञान में वृद्धि हुयी है, जिससे हमें इस्पात क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर अपनी समझ को बेहतर बनाने में सहायता मिलती है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के उपयोग से इस्पात क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला, गुणवत्ता आश्वासन और ऊर्जा प्रबंधन को मजबूत और बेहतर बनाया जा सकता है।

इस्पात मंत्रालय के सचिव श्री नागेंद्र नाथ सिन्हा ने इस बात पर बल दिया कि ज्ञान परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और हमें प्रत्येक व्यक्ति को एक ज्ञान कार्यकर्ता बनाने की आवश्यकता है जो न केवल काम को समझता है बल्कि संगठन और राष्ट्र के लिए काम करते समय संदर्भ को भी बखूबी समझे। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) की अवधारणा तेजी से विकसित और उभर रही है, इसलिए इस क्षेत्र के संचालन की मूल्य श्रृंखला पर इसके प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है| उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र को मांग में सुधार सुनिश्चित करने के लिए कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) की वर्तमान चुनौती का लाभ उठाने की आवश्यकता है ताकि भारतीय निर्यात अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस्पात संयंत्र कंपनियों के अलावा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के पास उपलब्ध विशाल डेटा को लागू करके नई खदानों की खोज, पहचान और विकास में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस अवधारणाओं को लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन प्रणालियों के लिए डिजिटल ट्विन्स का उपयोग करने का विचार भी खोजने लायक है।

पैनल चर्चा के दौरान, विशेषज्ञों ने बताया कि अपने ग्रीन डील 2050 के हिस्से के रूप में, यूरोपीय संघ ने कुछ उत्पादों (स्टील और एल्यूमीनियम सहित) के लिए कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) के कार्यान्वयन का प्रस्ताव दिया है। कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) यूरोपीय संघ प्रणाली के अंतर्गत वहन किए गए उत्पादों के बराबर आयातित उत्पादों पर कार्बन उत्सर्जन लागत लागू करेगा। कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) न केवल यूरोपीय संघ को किए गए निर्यात को प्रभावित करेगा बल्कि मूल्य श्रृंखलाओं को भी पुनर्गठित करेगा। चिंतन शिविर के दौरान कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) के ऐसे दीर्घकालिक प्रभाव और कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (सीबीएएम) पर भारत की संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई।

टाटा स्टील, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, एएमएनएस और भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञों ने कहा कि सरल लेकिन बेहद प्रभावी समाधानों के कई उदाहरण हैं जो उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा खपत, सुरक्षा, संचालन के अनुकरण के लिए इसके अनुप्रयोगों, सेंसर और रोबोटिक्स, पूर्वानुमानित रखरखाव आदि के माध्यम से आधारित निगरानी की स्थिति में सुधार के लिए इस्पात क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।

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दिनाँक 16.12.2023

अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध संयंत्र की कार्यवाही जारी रही

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग के प्रवर्तन अनुभाग द्वारा, संपदा न्यायालय के निर्देश पर अवैध कब्जाधारियों तथा सड़क किनारे अवैध रूप से लगे ठेले, गुमठी, खोमचे, कुल्फी वालों, नारियल वालों इत्यादि के विरुद्ध आज 16 दिसम्बर 2023 को भी उतई रोड पर, मरोदा में कार्यवाही की गई।

कब्जाधारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए उतई रोड के पास मरोदा बस्ती में अवैध कब्जेधारी द्वारा बनाए जा रहे 50×50 अवैध निर्माण को तोड़ा गया। साथ ही उन्हें चेतावनी भी दिया गया है कि प्रवर्तन अनुभाग द्वारा अवैध कब्जेधारियों के विरुद्ध निरंतर कार्यवाही किया जा रहा है अतः वे अपने अवैध कब्जे को स्वतः हटा लें। विदित हो कि बीएसपी भूमि पर किए अवैध कब्जा को हटाने की कार्यवाही भूमि अनुभाग के सर्वेक्षक द्वारा चिन्हांकन के पश्चात की जाती है।

इसके अतिरिक्त पुलिस बल तथा कार्यपालक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में 200 से अधिक अवैध कब्जे, ठेले, गुमटी, अवैध बाजार तथा अस्थाई निर्माण को हटाया गया। अवैध कब्जाधारियों द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि का घेराव कर अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए नगर सेवाएं विभाग के प्रवर्तन अनुभाग द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए अवैध कब्जे को तोड़ा गया।

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दिनाँकः 16.12.2023

मेंटेनेंस के लिए टाउनशिप में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी

भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएँ विभाग के अन्तर्गत टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा वार्षिक रखरखाव योजना 2023-2024 के तहत टाउनशिप में विद्युतीय मेंटेनेंस एवं अनुरक्षण कार्य संपादित किये जा रहे हैं। ब्रेकडाउन को कम करने और सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए विद्युत स्थापना के निवारक रखरखाव पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

दिसंबर 2023 से मार्च 2024 के दौरान एचटी सिस्टम के निवारक रखरखाव के लिए टाउनशिप के विभिन्न स्थानों में योजनाबद्ध शटडाउन किया जाएगा। इस वार्षिक रखरखाव योजना के अंतर्गत सबस्टेशन, टैपिंग, डीपी और रखरखाव, ओवरहालिंग, ओवर हेड लाइनों का रखरखाव, जम्पर कसना, क्षतिग्रस्त पिन को बदलना, डिस्क इंसुलेटर और लाइटनिंग अरेस्टर, ट्रांसफार्मर का मेंटेनेंस आदि कार्य किये जायेंगे। यह कार्य प्रतिदिन योजनानुसार पूर्ण किये जाते हैं। इस कार्य के तहत टाउनशिप में 18 दिसम्बर 2023 से 23 दिसम्बर 2023 के मध्य विभिन्न स्थानों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित रहंेगी।

तिथि अनुसार प्रभावित होने वाले क्षेत्र हैंः- 18 दिसम्बर 2023 को रिसाली सेक्टर, 19 दिसम्बर 2023 को मरोदा सेक्टर, 20 दिसम्बर 2023 को सेक्टर-10, 21 दिसम्बर 2023 को सेक्टर-6 के कुछ हिस्से, रसियन काॅम्पलेक्स व बीएमडीसी तथा 22 व 23 दिसम्बर 2023 को जेएलएन हाॅस्पिटल।

उपरोक्त उल्लेखित क्षेत्रों में प्रातः 10.00 बजे से 1.30 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। नगर सेवाएँ विभाग के टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने संबंधित क्षेत्र के निवासियों से सहयोग की अपील की है।

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