लोरमी में वीर बाल दिवस में सिख समुदाय ने निकाली मौन रैली, बच्चों ने दस्तार पहन निकाली रैली..
वेला आ गया ए दादिये जुदाई दा, असां हुन मुड़के आउना नई’ यानि अब दादी आपसे विदा लेने का समय आ गया है अब हम लौट कर नहीं आएंगे, यह कहते हुए सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों छोटे साहबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह अपनी दादी माता गुजर कौर से विदा लेते हैं। हर बच्चे की जुबां से एक स्वर में यह सुनने को मिला। लोरमी में भी ऐसा नजारा देख अचंभित थे। मौका था वीर बाल दिवस के अवसर पर माता गुजर कौर और चार साहिबजादे के बलिदान के अवसर पर आयोजित लोरमी गुरुद्वार से मौन रैली निकाली गई जिमसें सिख समाज के लोगो ने हिस्सा लिया मौन रैली लोरमी गुरुद्वारा से निकल कर पुराना बस स्टेण्ड होते हुवे फ़ौवारा चौक पहुची जहाँ सिख समाज के प्रधान द्वारा छोटे साहबजादे के बारे में लोगो को बताया एवम उनकी बलिदानी को याद किया गया सभी ने नम आंखों से छोटे साहबजादे को याद किया एवं उनके बलिदान को लोगो को बताया गया,मौन रैली गुरुद्वारा पहुची जिसमे गुरुद्वारे पर सभी ने मोमबत्ती जलाकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया…