November 24, 2024

मांडूक्य ऋषि के तपोस्थली मदकू द्वीप और तालागांव के शैक्षणिक भ्रमण पर रहे सेमरसल के विद्यार्थी

 

सत्यमेव जयते का सृजन मुंगेली जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के स्थल मदकू द्वीप में हुआ है संसार को मंडुकोपनिषद के रूप में बड़ी देन है, 10-12वीं शताब्दी में मिले पंचदेवों के अवशेष के बारे में जाना।विद्यार्थी जीवन में शैक्षणिक भ्रमण का विशेष महत्व रहता है जो छात्र छात्राओं में इतिहास,भूगोल और समसामयिक विषयों की जानकारी भी हो जाती है।बच्चों में बड़ा उत्साह और उमंग था।पढ़ाई जीवन में स्मरणीय पलों को संजोने का अपना अलग आनंद होता है।प्राकृतिक नदियां,पेड़ पौधे,पर्यावरणीय सुंदरता की छटा देखते ही बनता है।शिवनाथ नदी के बीच में टापू जैसा स्थान हिंदू धर्मावलंबियों के आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है।अष्टभुजी मंदिर,भूमनाथ मंदिर,मांडूक्य ऋषि की प्रतिमा,12 सौ साल पहले की देवी देवताओं की मूर्तियां जिसे 2011 में महाशिवरात्रि के दिन देखा गया और पुरातात्विक सर्वेक्षण में 14 मंदिरों के होने की जानकारी मिली और खुदाई में सभी मंदिर सुरक्षित मिलें।मंदिर के महंत संत श्रीरामरूपदास महात्यागी जी वर्तमान में साधना रत है और सभी को शुभाशीर्वाद देते ही हैं।समिति के अध्यक्ष कौशिक जी और उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा,मुन्ना सिंह,प्रमोद दुबे ने अपने अनुभव बच्चों को बताया।आपको बता दें कि भारतीय जन नर नारी अपने देवी देवताओं के मंदिरों के प्रति बहुत श्रद्धावान होते हैं ही साथ ही दर्शनीय स्थलों में जाने से मन प्रफुल्लित और अवसाद मुक्त हो जाता है,नवीन विचारों का उदय होता है इस हेतु बच्चों के शुरुआती जीवन में ज्ञान का सृजन और उत्सुकता बढ़ाने के लिए इस प्रकार के भ्रमण बीच बीच में पढ़ाई लिखाई का एक अंग ही होता है।उक्त बातें बताते हुए शिक्षक राजकुमार कश्यप ने बताया कि देश धर्म संस्कृति से परिचित होना आज के शिक्षा की नितांत आवश्यकता है।विश्व में भारतीय संस्कृति की विशेष देन है यह तभी पता चलेगा जब बच्चे ऐतिहासिक महत्व के जगहों से परिचित होंगे।बच्चों को भजन,गीत,कविता और अनुभव कथन कराया गया।अपनी कॉपी में नोट करके रखना और घर वालों,दोस्तों को पूरे दिनचर्या के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित किया गया।वहीं शिक्षक उमाशंकर सिंह ने बताया कि तालागांव में रुद्र शिव मंदिर,देवरानी जेठानी मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ दोपहर भोजन,अपने बालमन को भाने वाले कार्यक्रम किए।संस्था प्रधान विश्वनाथ योगी ने बस के माध्यम से पालकों की उपस्थिति में गए शैक्षणिक भ्रमण को बच्चों के लिए बहुत जरूरी बताते हुए कहा कि गांव वालों ने अपने बच्चों को भ्रमण कराने का समन्वित प्रयास किए जिसके कारण जिज्ञासु प्रवृत्ति बढ़ाने का यह सुंदर प्रयोजन सफल रहा जो बच्चों में शैक्षणिक अभिरुचि विकास में सहायक सिद्ध होगा।शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गोविंद साहू और दुर्जन कश्यप ने उक्त कार्यक्रम की सराहना की है।उक्त भ्रमण में शिक्षक राकेश पांडेय,ललिता शर्मा,पुष्पा चतुर्वेदी सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता निभाई और अपने सुंदर अनुभवों से पूरे दिन को यादगार बना दिया।