November 24, 2024

आदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे करीबी, वनवास के दौरान की सुंदर स्मृतियां इनके साथ- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री श्री साय ने नई दुनिया समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम श्री रामोत्सव-सबके राम कार्यक्रम में दिये अपने संबोधन में कहा

7 फरवरी को अयोध्या धाम में श्री रामलला दर्शन योजना अंतर्गत पहला जत्था दुर्ग से होगा रवाना
रायपुर, 17 जनवरी, 2024

आदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे करीबी, वनवास के दौरान की सुंदर स्मृतियां इनके साथवनवास के दौरान की सुंदर स्मृतियां इनके साथआदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे करीबी, आदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे करीबी,

आदिवासी समुदाय भगवान श्रीराम के सबसे ज्यादा करीबी है। प्रभु के वनवास के दौरान की सुंदर स्मृतियां इनके साथ हैं। लंका विजय तक श्रीराम के पग-पग में आदिवासी उनके साथ रहे। यह बात मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नईदुनिया समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम श्री रामोत्सव-सबके राम कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम में श्री रामलला दर्शन योजना अंतर्गत पहला जत्था 7 फरवरी को दुर्ग से रवाना किया जाएगा। अपने संबोधन में श्री साय ने बताया कि हमारा प्रदेश भगवान श्रीराम का ननिहाल है। यहां से श्रीराम की बहुत सी सुंदर स्मृतियां जुड़ी हैं। हमारी धरती के रग रग में श्री राम हैं। श्री साय ने कहा कि पुरखों ने बरसों से जो भव्य राम मंदिर का सपना देखा था। वो पूरा हो रहा है। देश ही नहीं दुनिया भर में राम भक्तों में इस उत्सव को लेकर भारी उत्साह है। आज नईदुनिया समूह यह सुंदर कार्यक्रम कर रहा है अभी मैंने यहां वक्ताओं को सुना भी। कैबिनेट की बैठक नहीं होती तो संतों को देर तक सुनने का अवसर मिल पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामराज्य आदर्श राज्य है। छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलने का पूरा प्रयास करेंगे। संतों के आशीर्वाद से इस दिशा में हम संकल्पबद्ध होकर कार्य करेंगे। आम जनता की बेहतरी के लिए मोदी जी ने जो गारंटी दी है। उसे पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में रामभक्ति का सुंदर माहौल तैयार हुआ है। सैकड़ों मानस मंडलियां मानस का पाठ कर रही हैं। अभी मैं गुंडरदेही से लौटा हूँ। वहां पर आज ही मानस की 3 हजार प्रतियां बांटी गई हैं। इसके पहले कांकेर सांसद श्री मोहन मंडावी 48 हजार मानस की प्रतियां बांट चुके हैं। आज गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी इसे दर्ज किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग श्रीराम के ननिहाल से हैं। छत्तीसगढ़ में अपार उत्साह लोग श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर अनुभव कर रहे हैं। हमने अपने भगवान के भोग के लिए सुगंधित चावल भेजा है। साथ ही बड़ी संख्या में डाक्टरों की टीम भी श्रद्धालुओं की सेवा करने पहुंची है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रीराम से जुड़े ग्रंथों को लेकर महत्वपूर्ण योगदान देने एवं अन्य प्रमुख कार्यों के लिए श्री श्याम बैस, डा. रमेंद्र नाथ मिश्र, डा. अमरनाथ त्यागी, डा. अनुराधा दुबे और मोहम्मद फैज को सम्मानित किया। इस दौरान आचार्य मैथिलीशरण जी, साहित्यकार श्री गिरीश पंकज एवं अन्य प्रबुद्धजनों ने भी सभा को संबोधित किया। इस दौरान नई दुनिया समूह से नई दुनिया मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के संपादक श्री सदगुरु शरण अवस्थी, स्थानीय संपादक श्री सतीश चंद्र श्रीवास्तव एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।