November 24, 2024

बीएसपी में “क्वेस्ट आॅन” प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन

बीएसपी में “क्वेस्ट आॅन” प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन
भिलाई इस्पात संयंत्र अपने कर्मचारियों के ज्ञान और प्रबंधन कौशल को निखारने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओें का आयोजन करता रहता है। इसी क्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा मासिक क्विज प्रतियोगिता ‘क्वेस्ट आॅन’ का आयोजन 27 अप्रैल 2024, शनिवार को एचआरडीसी विभाग के मुख्य सभागार में किया जा रहा है। संयंत्र के कर्मचारी इसमें भाग लेकर आकर्षक पुरस्कार जीत सकते हैं।
मासिक व्यवसाय और प्रबंधन प्रश्नोत्तरी ‘क्वेस्टऑन’ हर महीने के चौथे शनिवार को आयोजित किया जाता है और इसमें कार्यपालक अधिकारियों के साथ-साथ गैर कार्यपालकों की 2 सदस्यीय टीम भाग ले सकती हैं। इच्छुक प्रतिभागी, प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 27 अप्रैल को एचआरडीसी सभागार (प्रतियोगिता स्थल) में उपस्थित होकर पंजीयन करा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रतिवर्ष सेल स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ‘समृद्धि’, ‘सक्षम’ तथा ‘समर्थ’ का आयोजन किया जाता है। ‘समृद्धि’ क्विज का आयोजन महिला कर्मचारियों के लिए किया जाता है, ‘सक्षम’ कार्यपालक अधिकारियों के लिए और ‘समर्थ’ गैर-कार्यपालकों के लिए आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त संयंत्र अपने एचआरडीसी विभाग के माध्यम से ‘टेक क्वेस्ट’ क्विज, सेल स्वर्ण जयंती क्विज तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्विज आदि अन्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन कराता है। इन प्रतियोगिताओें का आयोजन बीएसपी के इन-हाउस क्विज मास्टर्स द्वारा किया जाता है।
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दिनांक 23.04.2024
संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा आयोजित कशीदाकारी प्रशिक्षण शिविर का समापन आज
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सीएसआर विभाग के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की सहायता से महिलाओं के लिए कशीदाकारी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता के साथ साथ महिलाओं का परिवार के आर्थिक सहयोग में सक्रिय भागीदारी को बढ़ाना था। यह प्रशिक्षण 3 महीने तक प्रदान किया गया।
इस शिविर का समापन समारोह 24 अप्रैल 2024 को आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण में लगने वाले उपकरण और कच्चे माल की आपूर्ति हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा किया गया। इस शिविर में लगभग 10-12 तरह के विभिन्न कढ़ाई जैसे ज़रदोजी, गोटापट्टी, मिरर, फुलकारी, चिकनकारी, कांथा, कसूती आदि का प्रशिक्षण दिया गया।

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