आठ दिवसीय फिजियोथेरेपी शिविर पंडरिया में प्रारम्भ , राजस्थान से पहुचे फिजियोथेरेपिस्ट*
कवर्धा , वर्तमान दौर के भाग- दौड़ भरी जिंदगी में लोगो को स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) और जोड़ो के दर्द एवं शरीर के अन्य हड्डियों के रोग अपने चपेट में ले रहे है। इन रोगों का समय पर उपचार नही होने से ये गम्भीर रूप ले लेते है , लोगो को इन बीमारियों से निजात दिलाने के लिए पंडरिया के पार्षद पदमनी संजू तिवारी ने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी
जी पी बनर्जी के जन्मदिन 1 मई से 8 मई तक आठ दिवसीय निःशुल्क फिजियोथेरेपी शिविर का आयोजन नगर के वार्ड क्रमांक 15 पर स्थित श्री महामाया सर्व समाज सामुदायिक भवन पर किया जा रहा है। शिविर में मरीजों का इलाज 1 मई बुधवार से जोधपुर से आये फिजियोथेरेपिस्ट डॉ ए आर चौधरी एवं उनके टीम के द्वारा किया जा रहा है। पहले दिन शिविर में लगभग 50 से अधिक लोग पहुचे। शिविर में ब्लड प्रेशर,कमर दर्द, हाथ एवं पैरों का शून्य रहना , साइटिका दर्द और जोड़ो के दर्द , थायराइड और माइग्रेन का इलाज किया गया।
शिविर का उद्धघाटन जी पी बनर्जी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी , रामसनेही श्रीवास सेवा निवृत्त शिक्षक एवं दीपक ठाकुर शिक्षक द्वारा वार्ड पार्षद पदमनी संजू तिवारी एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर पार्षद पदमनी संजू तिवारी ने बताया कि पंडरिया के वार्ड क्रमांक 15 में इस प्रकार का शिविर दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है। जिसका लाभ पंडरिया एवं क्षेत्र के लोगो को बड़े पैमाने पर मिलेगा उन्होंने कहा कि इससे पूर्व वर्ष 2022 में यह शिविर आयोजित किया गया था जिसमे सैकड़ो की तादाद में लोगो ने शिविर स्थल में पहुचकर अपना इलाज कराया था।
गौरतलब है कि शरीर के कई असमान्य स्थितियो के इलाज के रूप में पिछले दो दशकों में फिजियोथेरिपी की मांग तेजी से बढ़ी है। शरीर की गतिशीलता और कार्यो में सुधार करने के साथ शरीर मे कई तरह के गम्भीर दर्द और उम्र आधारित चिकित्सकिय स्थितियो को ठीक करने में फिजियोथेरिपी की महत्वपूर्ण भूमिका है । सर्जरी के बाद तेजी से रिकवरी और शरीर को दोबारा क्रियाशील बनाने में भी फिजियोथेरिपी बहुत ही फायदेमंद उपचार पद्धति मानी जाती है।सरल भाषा मे समझे तो फिजियोथेरिपी मेडिकल साइंस की ऐसी प्रणाली है जिसके सहायता से कई जटिल रोगों का इलाज सम्भव होता है।
*गठिया और लकवा जैसे स्थितियो में विशेष लाभदायक, दवाइयों पर निर्भरता कम करने की कोशिश*
फिजियोथेरिपिस्ट डॉ चौधरी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से इस उपचार विधि की मांग में काफी इजाफा देखा गया है ।सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ो लोग चोटिल होते है ऐसे रोगियों की शाररिक स्थिती को दोबारा से बेहतर बनाने या फिर ऑपरेशन के बाद रोगियों को दोबारा चलने , रोजाना के कार्यो को आसानी से करने में फिजियोथेरिपी अहम भूमिका निभा रही है। फिजियोथेरिपी में मुख्य रूप से व्यायाम और स्ट्रेचिंग को प्रयोग में लाया जाता है। इसमें न तो रोगीयों को दवा दिया जाता है और न ही इस चिकित्सा का कोई साइड इफेक्ट है यही फिजियोथेरिपी को सबसे आकर्षक बनाती है । चौधरी ने बताया कि जीवन शैली में गड़बड़ी और लोगो मे बढ़ती शाररिक निष्क्रियता के कारण मोजूदा समय मे गठिया जैसे समस्याएं काफी आम हो गई है ऐसी दिक्कतों को ठीक करने में फिजियोथेरिपी सबसे कारगर चिकित्सा पद्धति मानी जा सकती है।मौजूदा वक्त में बढ़ती बीमारियों के कारण लोग न चाहते हुए भी दवाइयों पर निर्भर होते जा रहे है