ओडिशा में BJP ने कैसे भेदा पटनायक का किला:BRS नेताओं को टिकट देकर तेलंगाना जीता, नायडू को साथ लेकर आंध्र साधा
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में BJP ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। तीनों राज्यों में पार्टी को 2019 के चुनाव से डबल सीटें मिली हैं। तेलंगाना में BJP ने 2019 में 4 सीटें जीती थीं, इस बार 8 सीटें जीती हैं। आंध्र प्रदेश में पार्टी पिछली बार खाता भी नहीं खोल पाई थी, इस बार उसे यहां से 3 सांसद मिले हैं।
BJP को सबसे बड़ी जीत ओडिशा में मिली। यहां पार्टी को 21 में से 20 सीटें मिली हैं। पिछले चुनाव में 12 सीट जीतने वाली BJD एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई। वहीं, कांग्रेस एक सीट ही बचा पाई। आंध्र प्रदेश को छोड़ दें तो BJP ने बाकी दोनों राज्यों में कभी इतनी सीटें नहीं जीती थीं।
इन राज्यों में BJP के बढ़ते ग्राफ के पीछे कौन है, पार्टी को किन मुद्दों पर वोट मिले, आंध्र-तेलंगाना और ओडिशा में मोदी मैजिक के मायने क्या हैं,
BJP ने लोकसभा चुनाव में BRS की अस्थिरता का खूब फायदा उठाया। पार्टी ने पहले 15 उम्मीदवारों में 9 BRS नेताओं को चुना। ये उन रीजन के नेता थे, जहां BJP पहले से कमजोर थी। लिहाजा, पार्टी ने BRS के मजबूत नेताओं को अपने पाले में कर लिया। BJP को इसका फायदा भी मिला।
पूर्व CM चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता की गिरफ्तारी से भी BRS कमजोर हुई, जिसका फायदा BJP को मिला।
आंध्र प्रदेश में इस बार BJP ने TDP और जनसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा। तीनों पार्टियों के बड़े नेताओं PM मोदी, चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण ने अलग-अलग सीटों पर प्रचार किया। इसका फायदा BJP को उन सीट्स पर हुआ, जहां उसकी बिल्कुल पकड़ नहीं थी।