अखिलेश यादव बोले:जनता ने लोकतंत्र और संविधान बचाने का काम किया
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी का संदेश हम सबसे नई उम्मीदों और नई अपेक्षाओं का जनादेश है। इस जनादेश को हम एक नए दायित्व के रूप में स्वीकार करते हैं। इंडिया गठबंधन के सभी सांसद अपने कर्तव्य को बखूबी निभाएंगे। जनता हमारी प्राथमिकता है और सदैव रहेगी।
लोकसभा चुनाव में सपा के 37 सीटें जीतकर तीसरी बड़ी ताकत बनने पर शुक्रवार को अखिलेश यादव का प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने अयोध्या से सपा की जीत का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि इस लोकसभा चुनाव में विचारधारा और संविधान की जीत हुई है। जनता ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने का काम किया है। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, लौटन राम निषाद मौजूद रहे।
अखिलेश यादव ने सभी निर्वाचित सांसदों को बधाई देते हुए कहा कि हर शोषित, पीड़ित और वंचित की सेवा ही हम सबका पहला कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि हमारे जो भी प्रत्याशी भाजपाई-प्रशासनिक घपलों की वजह से जीत दर्ज नहीं कर पाए, दरअसल वो सब भी जीते हुए ही हैं। भाजपा को जो भी वोट मिला है, उसका आधार जनता के वोट नहीं, बल्कि उनका प्रशासनिक तंत्र और उनकी घपलेबाजी है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में जनता ने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को भरपूर समर्थन दिया है। इसलिए ऐसे सभी जुझारू प्रत्याशियों को हम जनता के सच्चे प्रतिनिधि के रूप में किसी भी अन्य सांसद के बराबर मानते हुए ‘सम्मांसद’ की जन-उपाधि से सुशोभित मानते हैं। आनेवाला समय उनका ही होगा।
संत रामदास ने ओढ़ाया रामनामी दुपट्टा
प्रदेश सपा मुख्यालय पर अयोध्या से आए बालयोगी संत रामदास ने अखिलेश यादव को रामनामी दुपट्टा पहनाया। इनके अलावा कर्नाटक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एन. मंजप्पा, केरल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष साजी थॉमस पोथन, केरल जनता दल (सेक्यूलर) के राष्ट्रीय सचिव आरएस प्रभात ने भी उनका अंगवस्त्र पहनाकर तथा पुष्पगुच्छ देकर अभिवादन किया।
नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक आज
सपा के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक प्रदेश पार्टी कार्यालय पर शनिवार को होगी। इसमें अखिलेश यादव सांसदों को आगे की रणनीति समझाएंगे। सपा की योजना लोकसभा में विभिन्न मुद्दों को आक्रामकता से उठाने की है।