October 6, 2024

सुशासन की सरकार में ठेले खोमचे वालों की दुकानों को बडे ही बेदर्दी

तरीके से तोडा जा रहा है,
जहां कांग्रेस शासनकाल में वेडिंग जोन नाम देकर छोटे छोटे ऐसे
व्यवसायियों को किया जा रहा था व्यवस्थापन
वहीं डबल इंजन की सरकार में इनको उजाडकर सीएम और नगरीय निकाय मंत्री के
छवि को की जा रही हैे धूमिल
आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में सत्ता दल को उठाना पडेगा भारी नुकसान
भिलाई। सुशासन की इस सरकार में जहां मतदाताओं व जनता ने वैशाली नगर सहित
सभी विधानसभा क्षेत्रों मे विधानसभा व इस लोकसभा चुनाव में लाखों वोटो से
विधायक व सांसद बनाया लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम आते ही इस सुशासन की
सरकार में बैठे हुए नौकरशाह डबल इंजन की इस सरकार व विधायक तथा सांसद की
छवि को किस तरह धूमिल कर रहे है, सुपेला में शनिवार को हुए अतिक्रमण
हटाने के मामले मे ये देखने को मिला। सुपेला में बने नये अण्डरब्रिज से
लेकर गदा चौक तक निगम का अमला यह कहकर कार्यवाही कर रहा है कि अवैध कब्जा
के कारण रास्ता जाम हो रहा है। राहगीर परेशान हो रहे हैं। पूर्व की
कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस का हाथ गरीब के साथ के नारे को चरितार्थ करते
हुए ठेला खोमचा लगाने वालों को इसी वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में
उजाडने के बजाय उन्हें बसाने का काम किया जिसका नाम उन्होंने वेंडर जोन
दियां जो भिलाई के कई क्षेत्रो में देखने को मिल जायेगा। इसका ताजा
उदाहरण नेहरू नगर चौक के पास स्थित मंदिर के समीप सुसज्जित दुकाने आज भी
संचालित है जहां ये ठेले खोमचे वाले अच्छे तरीके के व्यवसाय कर अपने
परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। लेकिन इस सुशासन की सरकार में बैठे
नौकरशाह छ: माह में भी अवैध कब्जों से संबंधित उनके व्यवस्थापन के लिए
किसी तरह का कोई रोड मैंप या योजना नही बनाये, जबकि तत्कालीन कलेक्टर
पुष्पेन्द्र मीणा ने चैक चौराहों के आस पास व अन्य स्थानों में लगने वाले
ठेलावालों का सौ दिन के अंदर व्यवस्थापन करने का निर्देश दिया था लेकिन
कलेक्टर मीणा के जाते ही उनके आदेश को ठंढे बस्ते में निगम के अधिकारी
डाल दिये और शनिवार को जिस तरीके से सुपेला के नवनिर्मित अण्डरब्रिज से
लेकर गदा चौक तक जबरिया अतिक्रमण हटाने का कार्य कर स्वयं मुख्यमंत्री और
नगरीय निकाय मंत्री के छवि को धूमिल करने का काम निगम का अमला करते नजर आ
रहा है। इन नौकरशाहों को चाहिए कि मुख्य कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ
अधिकारियों से निर्देश लेकर वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में संचालित
निगम के जोन कार्यालय के अधिकारी किस राजनैतिक दबाव या प्रभाव में दबे
हुए थे कि उन्हें छ: माह में अवैध कब्जे नही दिखे क्या? इन नौकरशाह ठेला
खोमचे लगाने वालों का सर्वे कर उनको उचित व्यवस्थापन पूर्ववर्ती सरकार की
तरह वेंडिंग जोन पर काम कर क्यों नही इनका व्यवस्थापन कर रहे है? आने
वाले समय में होने वाले अब नगरीय निकाय चुनाव में इन अधिकारियों की करनी
का दुष्परिणाम देखने को मिलेगा। आज की इस कार्यवाही में जहां किसी ने भी
विरोध प्रदर्शन जैसी बातें नही कीं। व्यापारी संघ को आज कांग्रेस व भाजपा
के सभी नेता नदारद दिखे। बेबस व्यापारी निगम के इस कार्यवाही के सामने
वोट देने के बाद अपने आपको ठगा महसूस कर रहे थे। मजेदार बात यह है कि
हजारो वोटो से जीतने वाले जनप्रतिनिधि प्रधानमंत्री के शपथग्रहण समारोह
में भाग लेने दिल्ली में डंटे हुए है। कही इसका लाभ लेकर निगम के अधिकारी
सरकार की छबि धूमिल तो नही कर रहे हेै। ऐसे में विपक्षी कांग्रेसी दल को
चाहिए कि वह गरीबों की आवाज बनकर व मुखर होकर इनके व्यवस्थापन की बातें
कलेक्टर से मिलकर करें। देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं गरीबों के
साथ हूं और दुर्ग जिले के जनप्रतिनिधि कहते है कि हम जनता के साथ है।
लेकिन चुनाव परिणाम के दो चार दिन बाद ही बेदर्दी तरीके से अतिक्रमण के
नाम पर छोटे छोटे दुकानों को जो तोडकर नेस्तनांबूं कर दिया इससे बेबस
जनता व व्यापारी वोट देने के बाद अपने आपको काफी कमजोर समझ रहे हैं, ऐसे
में यदि व्यापारियों का रोजगार छिनेगा तो वह अपने परिवार का पेट पालने
अपराध के रास्ते पर भी जा सकते है और कानून व्यवस्था भी बिगडेगी तो इसका
जिम्मेदार भी इनको उजाडने वाले और इन लोगों का साथ नही देने वाले राजनतिक
पार्टी भी होंगें।