October 6, 2024

मिसाइल मैन कलाम का सपना साकार, कल पीएम देंगे सौगात, 820 साल बाद विश्वविद्यालय रचने जा रहा इतिहास

बिहार की धरती पर स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी जो एक खंडर के रूप में देखा गया, एक बार फिर से इसे शुरू किया जाएगा. नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार 19 जून को उद्घाटन करने जा रहे हैं. 455 एकड़ में फैला नांलदा यूनिवर्सिटी का पूर्णनिमार्ण किया गया है. साल 2014 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषणा स्वराज ने इसके निमार्ण की नीव रखी थी. अब 10 साल बाद इसका उद्घाटन किया जाएगा. इसे बहुत ही सुंदर तरीके से बनाया गया है. डेढ़ सौ एकड़ में केवल पेड़ लगाए गए हैं, पर्यावरण का पूरा ध्यान रखा गया है.

इतने बढ़े क्षेत्र में फैला ये विश्वविद्यालय

नालंदा विश्वविद्यालय में कुल 17 देशों के 400 विद्यार्थी वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं. पीजी और पीएचडी के सात विषयों की पढ़ाई हो रही है. जबकि दो अन्य विषय इस शैक्षणिक सत्र से शुरू होंगे. वहीं डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए कुल 10 विषयों की पढ़ाई हो रही है. इस यूनिवर्सिटी में एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी  का काम फिलहाल चल रहा है.

दुनिया की पहली हॉस्टल सुविधा वाली यूनिवर्सिटी

नालंदा यूनिवर्सिटी का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. दुनिया की सबसे पहली हॉस्टल सुविधा देने वाली यूनिवर्सिटी नालंदा यूनिवर्सिटी है. इस यूनिवर्सिटी को गुप्त वंश के महान शासक कुमार गुप्त ने बनवाया था. हालांकि अलग-अलग शासकों ने इसे बनाने में अपना सहयोग दिया था. नालंदा यूनिवर्सिटी को बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र माना जाता था. बौद्ध धर्म की साखा ब्रजयान का ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी भी कहा जाता था. इस यूनिवर्सिटी में विदेशों से छात्र पढ़ने आते थे, इतना ही नहीं चीन से आया फाहयान ने भी इस यूनिवर्सिटी से शिक्षा ली थी. लेकिन वक्त ने करवट ली है और एक दिन क्रूर शासक बख्तियार खिलजी ने अपने अंहाकर और अपने गुस्से को शांत करने के लिए इस महान विरासत को नष्ट कर दिया. कहा जाता है कि इस नांलदा यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी को जलाने के बाद 6 महीने तक इसकी आग नहीं बुझी थी. लेकिन एक बार फिर नालंदा अपने इतिहास की कहानी लिखेगा.