*करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं मिल रहा एक बूंद पानी,कैसे पूरा होगा ‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य?*
कुशल चोपड़ा बीजापुर (छग)
जिले में जल जीवन मिशन के लिए करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है।
जल जीवन मिशन योजना बीजापुर में फेल!
अधूरे कार्य के बीच ठेकेदार ने निकाली राशि——
जल जीवन मिशन का कार्य कई पंचायतों में आधा अधूरा पड़ा हुआ है इसके बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा राशि निकाले जाने की खबर है.जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतो ल में ओवरहेड पानी टंकी बनाई गई है जो अधूरी है।
पंचायत क्षेत्र के हर ग्रामीण के घरों व सड़क किनारे पानी सप्लाई के लिए स्टैंड पोस्ट लगाया गया है,लेकिन पानी सप्लाई के लिए गांव में पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है।कही टंकी निर्माण पूरा नहीं हुआ है तो कही पाइप लाइन विस्तार नहीं हुआ है यानी काम अधुरा पड़ा हुआ है।जिसके चलते लोगों को इस योजना के तहत पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
इस योजना के तहत गांव-गांव में घर-घर तक लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।केन्द्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित हो रहे।इस योजना में करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है।लेकिन बीजापुर जिले में शासन की जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।
*हकीकत ठीक विपरीत है——*
आरोप लगाया गया है कि घटिया निर्माण,अधूरा निर्माण और करोड़ों रुपये के ठेकेदारों को भुगतान एक बड़ा खेल जिले में संचालित हो रहा है।बीजापुर जिले में जल जीवन मिशन योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता की कहानी गढ़ रहा है।जबकि हकीकत ठीक विपरीत है।जिले के दूरस्थ वनांचल की बात छोड़ दिया जाये तो जिला मुख्यालय बीजापुर के 05 किलोमीटर दायरे से लगे कई ग्राम पंचायतों में योजना का हाल बेहाल है।
*एक बूंद नहीं आ रहा है पानी—–*
बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम तुरनार, नुकनपाल, मुशालूर,संतसपुर,मंझिगुड़ा,जैतालूर, ईटपाल, चिन्नाकोडपाल क्षेत्रों में ही जल जीवन के तहत ठेकेदारों ने पानी पाईप लाईन का विस्तार कर स्टैंड पोस्ट घर के बाहर जगह जगह लगा दिया।लेकिन पानी एक बूंद नहीं आ रहा है।ऐसे जल जीवन मिशन योजना का क्या मतलब जिसका लाभ नहीं मिल रहा। यह तो बात एक दो पंचायतों की नही पूरे जिले का यही हाल है।
*आधे अधूरे ही कार्य कराये गये है——-*
जानकारी के अनुसार जिले के भैरमगढ़,भोपालपटनम,उसूर,गंगालूर,कुटरू क्षेत्रों का हाल एक जैसा है।इन क्षेत्रों में करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गये।इसके बावजूद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है और मार्च 2024 में योजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।जो आज तक पूर्ण नही हुआ है।ऐसे में लगभग दो महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है।जिले के कई पंचायतों में तो आधे अधूरे ही कार्य कराये गये है।
*नल पोस्ट में बांध रहे बैल,बकरी——-*
जल जीवन मिशन के तहत पेयजल भले ही लोगों के घर तक नहीं पहुंच रही है लेकिन इसके लिए प्रत्येक परिवार के घर के सामने नल के पोस्ट स्थापित कर दिये है।जिसमें पानी नहीं पहुंचने के कारण कई ग्रामीण परिवार स्थापित नल पोस्ट पर बैल,बकरी बांधने में उपयोग कर रहे है साथ ही कई नल पोस्ट समान रखने में उपयोग हो रहा है।कई जगह पर लगाये गये नल पोस्ट क्षतिग्रस्त भी हो गये है।
*दो साल बाद भी नहीं मिले पानी——-*
जल जीवन मिशन से घर-घर पानी उपलब्ध कराने के लिए पीएचई विभाग ने नल कनेक्शन के लिए पाइप और चबूतरे का काम तो कर दिया गया है वो भी आधा अधूरा।लेकिन सप्लाई लाइन नहीं बिछाई गई।निर्माण के दो साल बाद भी पानी नहीं मिलने से गांव के ग्रामीण परेशान है। पेयजल व निस्तार के लिए ग्रामीण पुराने स्रोतों पर ही निर्भर हैं।ग्रामीणों का कहना है कि अधूरे पड़े काम को लेकर विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
*अधूरे कार्य के बीच ठेकेदार ने निकाली राशि——*
जल जीवन मिशन का कार्य कई पंचायतों में आधा अधूरा पड़ा हुआ है इसके बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा राशि निकाले जाने की खबर है.जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतो ल में ओवरहेड पानी टंकी बनाई गई है।जो अधूरी है।
पंचायत क्षेत्र के हर ग्रामीण के घरों व सड़क किनारे पानी सप्लाई के लिए स्टाम्प पोस्ट लगाया गया है,लेकिन पानी सप्लाई के लिए गांव में पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है।कही टंकी निर्माण पूरा नहीं हुआ है तो कही पाइप लाइन विस्तार नहीं हुआ है यानी काम अधुरा पड़ा हुआ है। जिसके चलते लोगों को इस योजना के तहत पेयजल नहीं मिल पा रहा है।
*लक्ष्य पूरा नहीं हो सका मार्च 24 तक——*
इस संबंध में पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री नेताम ने बताया कि मार्च 2024 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य था लेकिन निर्धारित समय में बीजापुर जिले में लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।उन्होंने बताया कि अभी जिले में लगभग 05 प्रतिशत कार्य भी पूरा नही हुआ है।