वार्डो के परिसीमन पर रोक लगाए जाने की मांग*
आरटीआई कार्यकर्ता अली हुसैन सिद्दीकी ने संचालक संचालनालय नगरी प्रशासन एवं विकास इंद्रावती भवन नया रायपुर छत्तीसगढ़ के नाम जिला कलेक्टर दुर्ग को ज्ञापन देकर मांग की है कि नगर पालिकाओं के वार्डो का परिसीमन पर रोक लगाया जाए ।
सिद्दीकी का कहना है कि 2011 की जनगणना के अनुसार नगर पालिकाओं के वार्डो का परिसीमन 2011 की जनगणना के बाद 2014-15 में पहली बार कराया गया था उस परिसीमन में बहुत सारी विसंगतियां थी जिस पर अली हुसैन सिद्दीकी एवं आर.जे. सिंह के द्वारा माननीय हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर उस परिसीमन को चुनौती दी गई थी उसके बाद हाई कोर्ट के निर्णय में नियमतः जनसंख्या के समान अनुपात में परिसीमन के लिए कहा था इसके बाद फिर से 2019-20 में वार्डों का परिसीमन पुनः कराया गया!
2011 के जनगणना के अनुसार नगर पालिकाओं का परिसीमन दो बार हो चुका है और अभी तक कोई नई जनगणना नहीं की गई है इसलिए नए सिरे से परिसीमन करवाने का कोई औचित्य नहीं है इससे सिर्फ सरकारी कर्मचारियों का समय एवं जनता के गाड़ी कमाई का दुरुपयोग होगा जनता अपने दस्तावेजों में बार-बार वार्ड का नाम और नंबर बदल-बदल कर परेशान हो चुकी है!
क्योंकि नगर पालिक निगम भिलाई, रिसाली,भिलाई 3 चरोदा , बिरगांव एवं अन्य कुछ नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत का कार्यकाल जनवरी 2027 तक है तो फिर इन नगर पालिकाओं के वार्डो का परिसीमन ढाई वर्ष पूर्व करवाने से उस वार्ड से विभक्त क्षेत्र एवं जनता के साथ पार्षदों द्वारा उपेक्षा किए जाने की संभावना है इन्हीं तर्कों के साथ नगर पालिकाओं के वार्डो का परिसीमन पर नई जनगणना होने तक रोक लगाई जाने की मांग की गई है और उन्होंने रोक नहीं लगने पर माननीय हाई कोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत करने की बात भी लिखी है!