पुलिस अधीक्षक कार्यालय नारायणपुर के सभागृह में जिला स्तर पर ‘‘तीन नवीन कानून 2023’’ के जागरूकता के संबंध कार्यशाला का आयोजन।
🟥 जुलाई 2024 से पूरे भारत में प्रभावशील तीन नवीन कानून।
🟥 प्रभारी पुलिस अधीक्षक श्री शंकर लाल बघेल (भा.पु.से.), अति. पुलिस अधीक्षक श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) एवं श्री प्रेमचन्द्र शुक्ल जिला लोक अभियोजन अधिकारी के द्वारा जिले के पत्रकारों को नवीन कानून के संबंध में दी गई जानकारी।
🟥 आयोजन का मुख्य आशय पत्रकारों को इन नवीन कानूनों के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नारायणपुर जिले के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा राजपत्र में प्रकाशित ‘‘तीन नवीन आपराधिक कानून’’ के बारे में जानकारी आम जनों तक पहंुचाने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न स्थानों पर कार्यशाला का आयोजन कर विभिन्न विभाग एवं आम जनों को जानकारी देकर जागरूक किया गया। तीन नवीन कानून 01 जुलाई 2024 से प्रभावशील हो गए है।
पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर के निर्देशानुसार तीन नवीन आपराधिक कानूनों के संबंध में पत्रकारों को जानकारी दिये जाने के अनुक्रम में आज दिनांक 11.07.2024 को प्रभारी पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री शंकर लाल बघेल (भा.पु.से.) एवं अति. पुलिस अधीक्षक श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) एवं श्री प्रेमचन्द्र शुक्ल जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागृह में ‘‘तीन नवीन कानून’’ के विभिन्न पहलुओं एवं विधिक प्रावधानों से अवगत कराया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य ऐसी आपराधिक न्याय प्रणाली बनाना है जो न केवल नागरिको के अधिकारोें की रक्षा करती है बल्कि कानूनी व्यवस्था को भी और अधिक मजबूती प्रदान करती है जिससे सभी के लिए सुलभ एवं त्वरित न्याय सुनिश्चित हो। इस नवीन कानून का आशय भारतीय कानूनी प्रणाली में सुधार करना और भारतीय सोच पर आधारित न्याय प्रणाली स्थापित करना है।
नवीन कानून में ‘‘दण्ड’’ के स्थान पर ‘‘न्याय’’ को प्राथमिकता दिया गया है। भारतीय दण्ड संहिता 1860 में धाराओं की संख्या 511 से घटा कर भारतीय न्याय संहिता 2023 में 358 एवं भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में धाराओं की संख्या 484 से बढ़कार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं है एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 में धाराओं की संख्या 167 से बढ़ाकर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में 170 धाराओं का समावेश किया गया है।
नवीन कानून में पीड़ित केन्द्रित न्याय को ज्यादा समावेशी-पारदर्शी एवं व्यापक बनाया गया है। नवीन कानून में तृतीय लिंग, संगठित अपराध, छिनाझपटी, आतंकवाद, देशद्रोह, मॉब लिचिंग, ई-एफआईआर आदि को शामिल किया गया है। महिला एवं बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सशक्त कानून बनाया जाकर दण्ड को बढ़ाया गया है। नवीन कानून में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों जैसे- फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, रिकॉर्डिंग, लैपटॉप, कम्प्युटर इत्यादि से संकलित साक्ष्य को ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। नवीन कानून में सामुदायिक सेवा को परिभाषित कर नया दण्ड का रूप जोड़ा गया है। यह मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरूप है।
उक्त कार्यक्रम में श्री संजय महादेवा अति. पुलिस अधीक्षक, सुश्री आशा रानी उप पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, पत्रकारगण क्रमशः श्री बिन्देश पात्र, अनामिका विश्वास, अशफाक अहमद, रवि साहू, सूरज साहू, ब्रीज मानिकपुरी, दिनेश कुमार, अविनाश देवांगन, अभिषेक बेनर्जी, संतनाथ उसेण्डी, संतनाथ उसेण्डी, दीनूराम, हर्षाेत्तम सिंह, आकाश सिंह, हमेंत संचेती, कमलापति एवं पुलिस विभाग के अधि./कर्म. उपस्थित रहे।