PMGSY के सड़क पर ठेकेदार एवं विभग में मिला कर चढ़ाया भ्रस्टाचार का डामर।।
ये कैसी सड़क,डामरीकरण हुआ नही की उखड़ने लगी सड़क।।
बनने के कुछ साल के बाद डामर से बनी सड़क मिट्टी मे तब्दील हो गई।।
डामर का रंग फीका भी नही हुआ और दम तोड़ने लगी सड़क।।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चढ़ी भ्रस्टाचार की भेंट।
बीजापुर-प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना में भारी अनियमिता बरती जा रही है,लेकिन यहां कार्रवाई तो दूर कोई देखने-पूछने वाला तक नहीं है।एजेंसियां मनमाने ढंग से काम कराती हैं और किसी तरह अपना भुगतान लेकर अपनी जिम्मेवारी से पिंड छुड़ा रही हैं।वहीं आम जनता का पैसा का यूं ही बंदरबांट हो जाता है।इसकी एक बानगी के रूप जिले के बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकाशखण्ड के एरामंगी से कोमपली (L055 से कोमपल्ली तक 3.9 किलोमीटर सड़क पैकेज क्रमांक CG17 330 तक बनी सड़क में देखा जा सकता है।जहां कुछ साल पूर्व डामर से बनी सड़क टूटने लगी है।सड़क पर सैकड़ो गड्ढे हो चुके है।
सड़क के किनारे ठेकेदार द्वारा लगाया गया बोर्ड पर अंकित सूचना के मुताबिक यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को बनाने के लिए स्वीकृत प्राक्कलन तो अंकित है,परंतु प्राक्कलन राशि नहीं अंकित हैं। जिसकी कुल लंबाई 3.9 किमी बताई गई है।कार्य एजेंसी का नाम दंगल बिल्डर्स नई दिल्ली अंकित है।कार्य आरंभ की तिथि 20/07/2019 एवं कार्य समापन की तिथि 17/05/2020 लिखा है एवं क्रियान्वय एजेंसीय प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग अंकित है।
वंही सड़क निर्माण के दौरान माप दंड को दर किनार करते हुए सड़क का निर्माण किया गया है।सड़क निर्माण में हुए भ्रस्टाचार देंखे मिट्टी के ऊपर ही डामर बिछाया गया है।जिससे सड़क के पिच उखड़ने लगा है।सड़क पर बिछाया डामर बारिश में बह गया।सड़क पर गड्ढ़े बनने लगे हैं।डामर वाली सड़क मिट्टी में तब्दील हो गई है।सड़क पर बने पुलिया के दोनों और से मिट्टी बह जाने से पुलिया के दोनों और गड्ढे हो गए है,जिसके चलते दुपहिया वाहन को छोड़ बड़ी गाड़ी जाना मुश्किल है।
सड़क और पुल के खराब होने से अब गांव में कोई बीमार होने पर एम्बुलेंस का पंहुच पाना भी मुश्किल है।जिसके कारण लोगों ने भी सवाल उठाना खड़ा कर दिया है कि पीएम के नाम से बनी योजनाओं में भी ठेकेदार या एजेंसियां ईमानदारी से कार्य नहीं करती।सड़क निर्माण में गुणवत्ता का अभाव दिखता है।जिस के कारण सड़के बनने के चंद माह बाद ही टूटने लगती है।इस संबंध में विभाग के जिम्मेदार कुछ कहने को तैयार नही है।अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इन गड़बड़ियों पर रोक कौन लगाएगा और जिम्मेवारो पर कैसे कार्रवाई होगी।