October 5, 2024

सावन में रुद्राभिषेक कब करना चाहिए? जानिए इसकी विधि और नियम

महादेव का प्रिय महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है और यह 19 अगस्त 2024 तक चलेगा। इस पूरे महीने में शिव भक्तों की शिवालयों में भीड़ लगी रहती है, और भक्त भगवान शिव की भक्ति में डूबे रहते हैं। इस दौरान शिव मंदिरों में बम-बम के जयकारे सुनाई देते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं, जिनमें रुद्राभिषेक विशेष महत्व रखता है।

रुद्राभिषेक का महत्व
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। रुद्राभिषेक का अर्थ है शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। यह माना जाता है कि रुद्राभिषेक करने से ग्रह बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिवलिंग का अभिषेक करने से कुंडली के ग्रह शांत होते हैं और कालसर्प दोष भी दूर होता है। सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है।

सावन के विशेष दिन
शिवरात्रि: सावन की शिवरात्रि, जो इस साल 2 अगस्त 2024 को है, रुद्राभिषेक के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव भक्त की इच्छाएं पूरी करते हैं।

नागपंचमी: नागपंचमी, जो 9 अगस्त 2024 को है, पर भी रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी होता है। यह दिन भी रुद्राभिषेक के लिए विशेष माना गया है।

सावन के सोमवार: सावन के हर सोमवार को रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। इस साल सावन के सोमवार निम्नलिखित तिथियों पर पड़ेंगे:

पहला सोमवार: 29 जुलाई 2024
दूसरा सोमवार: 5 अगस्त 2024
तीसरा सोमवार: 12 अगस्त 2024
चौथा सोमवार: 19 अगस्त 2024

रुद्राभिषेक की सामग्री
रुद्राभिषेक के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

शुद्ध जल या गंगाजल
दूध
दही
चीनी पाउडर
गन्ने का रस
घी और शहद

रुद्राभिषेक करने की विधि
स्थापना: शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखें और अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखें।

अभिषेक: सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल डालें। इसके बाद पंचामृत (गन्ने का रस, शहद, दूध, दही) से अभिषेक करें।

मंत्रजाप: अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र, ओम नमः शिवाय या रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करते रहें।

चंदन और बेलपत्र: अभिषेक के बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और पान का पत्ता, बेलपत्र आदि अर्पित करें।

भोग और आरती: भगवान शिव के भोग के लिए व्यंजन बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और फिर परिवार के साथ भगवान शिव की आरती करें।

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