बिहार में आगजनी, ट्रेनों को भी रोका, यूपी-एमपी में पुलिस अलर्ट
आदिवासी और दलित संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. बसपा और आरजेडी जैसे दलों ने इस बंद का समर्थन किया है. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने हाशिए पर पड़े समुदाय के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग करते हुए, इस बंद का आह्वान किया है. NACDAOR ने एसटी-एससी और ओबीसी के लिए न्याय और समानता सहित अन्य मांगों की एक सूची जारी की है.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद सहित अन्य जिलों में पुलिस और कानून व्यवस्था मुस्तैद है. किसी भी प्रकार की हिंसा को देखते हुए पुलिस ने अलर्ट जारी किया है.
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भारत बंद को लेकर पुलिस अलर्ट है. पुलिस ने इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. वे सड़कों पर तैनात है.
बिहार के दरभंगा जिले में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां कई जगहों पर आगजनी भी हो गई है.
NACDAOR ने सरकार से आग्रह किया है कि वे अदालत के फैसले को खारिज करें. NACDAOR का कहना है कि अदालत का फैसला एससी-एसटी के संवैधानिक अधिकारों को चोट पहुंचा रहा है. संगठन ने सरकारी सेवाओं में कर्मचारियों के जाति-आधारित डाटा को तत्काल जारी करने की मांग की है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से न्यायिक अधिकारियों और न्यायाधीशों की भर्ती के लिए एक अलग भारतीय न्यायिक सेवा के स्थापना की मांग की है. NACDAOR ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से अपील की है कि वे बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लें. संगठन की मांग है कि एससी के भीतर किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा न दिया जाए.