September 20, 2024

अनचाही कॉल-मैसेज पर लगाम लगाने की तैयारी में ट्राई, क्या महंगे होंगे वॉयस-SMS प्लान?

सस्ते प्लॉट, मेडिकल टेस्ट, कॉलेज में एडमिशन, लोन और शेयर-IPO में निवेश जैसे मैसेज और कॉल्स लगातार हमारे पास आते रहते हैं. कई लोग तो ऐसे हैं, जिनके पास फैमिली और फ्रेंड्स से ज्यादा टेलीमार्केटिंग कंपनियों के ऑफर्स के लिए कॉल और मैसेज आते हैं. इस पर रोक लगाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कदम उठाना शुरू कर दिया है. TRAI ने एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है, जिसमें अनचाही कॉल्स और मैसेजों पर सख्ती करने के लिए लोगों की राय मांगी गई है.

अनचाही कॉल-मैसेज की रोकथाम

TCCCPR-2018 को फरवरी-2019 में अनचाही कमर्शियल कम्युनिकेशन (UCC) के मामलों से निपटने के लिए लागू किया गया था. इन नियमों का मकसद लोगों को गैरजरूरी प्रोमोशन कॉल और मैसेज से बचाना है. दूसरी तरफ ये नियम कंपनियों उन लोगों को कॉल और मैसेज करने की इजाजत देते हैं, जिन्होंने ऐसे कॉल या मैसेज रिसीव करने के लिए सहमति दी है या प्रेफरेंस सेट की हैं.

टेलीमार्केटिंग कंपनियां उन लोगों को भी कॉल और मैसेज करती हैं, जो नहीं चाहते कि उनके पास ऐसे कॉल या मैसेज आए हैं. बीते कुछ सालों के दौरान अनचाही कॉल और मैसेज को लेकर ट्राई के सामने कई मामले आए. इस कंसल्टेशन पेपर का मकसद उन मामलों को सामने लाना है, क्योंकि इन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.

TRAI के सामने ये मुद्दे

ट्राई के मुताबिक, इन मामलों से जुड़े रेगुलेशन के प्रोविजन में संशोधन की जरूरत हो सकती है. कंसल्टेशन पेपर में जिन मामलों की चर्चा की गई उनकी कैटेगरी नीचे दी गई है-

  • कमर्शियल कम्युनिकेशन की परिभाषाएं
  • शिकायत निपटारे से जुड़े प्रोविजन
  • UCC डिटेक्ट सिस्टम और उस पर कार्रवाई.
  • फाइनेंशियल डिसइंसेंटिव से जुड़े प्रोविजन.
  • सेंडर्स और टेलीमार्केटर्स से जुडे़ प्रोविजन.
  • वॉयस कॉल और एसएमएस की बढ़ती संख्या का एनालिसिस.

रेगुलेशन को मजबूत करने के लिए ट्राई इनपुट मांग रहा है, जिसमें स्पैम कॉल के जरिए जनता को परेशान करने वाले अनरिजस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (UTMs) के खिलाफ सख्त प्रोविजन, शिकायत निपटारे की बेहतर व्यवस्था, ज्यादा प्रभावी UCC डिटेक्ट सिस्टम, रेगुलेशन प्रोविजनों के उल्लंघन के लिए मजबूत फाइन और पेनेल्टी और सेंडर्स टेलीमार्केटर्स के लिए संशोधित रेगुलेशन शामिल हैं.