November 5, 2024

डाही अंचल में गौरा जगाने की परंपरा जारी

डाही / ग्राम डाही सहित आसपास के गांव छाती , सेमरा , सेनचुवा , बिजनापुरी , बोड़रा , कसही , हंकारा , अंगारा , खम्हरिया , जुनवानी , डोमा , गुजरा , भखारा , बगदेही , भेण्डरवानी , चोरभट्ठी , भुसरेंगा , बगौद , कुर्रा , बगोली , देवरी , सिहाद , बिरेतरा , धौराभाठा , रावनगुडा , लिमतरा , पुरी , गोपालपुरी , सरसोंपुरी , कांशिपुरी , परेवाडीह , देमार , में दीपावली पर्व आते ही अंचल में सुवा नृत्य की गूंज गुंजने लगी है व रात्रि में गौरा जगाने की परंपरा की शुरुआत हो चुकी है । सुआ नाचने के लिए स्थानीय व अंचल के बालिकाओं व महिलाओं की टोली पहुंच रही । ग्राम डाही के भूखन मरकाम सेवानिवृत्त प्रधानपाठक , डेरहा राम गौतम एडीशनल सीओ , विजय ठाकुर सेवानिवृत्त प्रधानपाठक , विश्वनाथ ठाकुर सेवानिवृत्त बीएसपी , चंद्रहास ध्रुव , धरमसिंह मरकाम , अश्वनी ठाकुर , साहूकार कतलाम , बसंत मरकाम सरपंच , गितेश गौतम आदि ने बताया कि दीपावली पर्व हमारे देश का सबसे बड़ा त्यौहार है जिसका हमारे छत्तीसगढ के अंचल में विशेष महत्व है क्योंकि यहां राउतनाचा , सुआ गीत , मातर आदि ऐसे पर्व है जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति की अनमोल धरोहर को महकाते हैं ।

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