धान खरीदी मे किसानों को हो रही समस्याओ को लेकर कांग्रेस ने किया प्रेस वार्ता
छत्तीसगढ़ सरकार कर रही किसानों क़े साथ धोखा – मोहन मरकाम
कोंडागांव – कांग्रेस पार्टी धान खरीदी मे किसानों को हो रहीं परेशानियों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी जिला मुख्यालयों मे प्रेस वार्ता आयोजित करने निर्देश जारी किया है। कोंडागांव जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस भवन मे प्रेस वार्ता आयोजित किया जिसमे पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया कहा की छत्तीसगढ़ सरकार किसानों क़े साथ छलावा कर रहीं है सरकार धान नहीं खरीदने का सडयंत्र कर रही है साय सरकार किसानों से कम धान खरीदी करना चाहती है सरकार का लक्ष्य 160 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी करना है और घोषित समय अनुसार मात्र 47 दिन ही हैं सरकार को प्रतिदिन साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन धान की खरीदी करनी पड़ेगी जो की वर्तमान तय समय पर जिस रफ्तार से खरीदी चल रही है किसी भी स्थिति मे सम्भव नहीं है। सोसाइटीयों को निर्देश है की एक दिन मे 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है ऐसे मे किसानों क़े बचत धान क़े लिए आगामी तिथि दी जा रहीं है। सरकार ने घोषणा किया था की 72 घंटे मे पैसा आएगा उसमे भी लेटलतीफ़ी हो रही है क़े बावजूद 31 सौ रुपए नहीं आकर 23 सौ रुपए ही मिल रहा है। अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा है जिससे मात्र 14-15-16 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है 21 क्विंटल नहीं खरीदा जा रहा है। बीज उत्पादक किसानों का धान सोसायटी मे नहीं लेने संबंधी सुचना सोसायटी मे चस्पा किया गया है। सोसायटी मे बारदाना की कमी है किसान परेशान हैं बारदाने की कमी क़े चलते खरीदी बाधित है किसान परेशान हैं। खीरीदी केंद्रों मे टोकन नहीं कटने से किसान परेशान हैं घंटो लाइन मे खडे रहने मजबूर हैं किसान।ऑनलाइन टोकन सिस्टम क़े कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है। सरकार धान की क़ीमत का भुगतान 3217 रुपए मे करें क्योंकि समर्थन मूल्य मे केंद्र सरकार ने 117 रुपए बढ़ा दिया है कांग्रेस सरकार मे घोषणा 25 सौ देने का किया था परन्तु केंद्र सरकार क़े समर्थन मूल्य मे वृद्धि किये जाने पर 2640 रुपए मे धान खरीदी की गयी थी भाजपा भी अपने वादें न भूले। धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा ने बदल दिया नई नीति क़े अनुसार 72 घंटे मे बफर स्टॉक क़े उठाव की नीति को बदल दिया गया है पहले इस प्रावधान क़े अनुसार समितियों क़े पास अधिकार होता था की समय सीमा मे उठाव नहीं होने पर चुनौती दे सकें अब बदलाव क़े बाद उठाव की कोई सीमा ही नहीं है जिससे खरीदी केंद्रों मे जगह की समस्या उपज रहीं है। पहले मार्किफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गयी थी अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है जबकि धान खरीदी 31 जनवरी को बंद होगी यानी समितियों संग्रहण केंद्रों मे अब धान दो महीने तक रखा रहेगा। धान मिलिंग क़े लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय किया था जिसक़े परिणाम स्वरूप यह हुआ की प्रदेश मे 700 नई राइस मिलें खुली अब भाजपा सरकार ने मिलर क़े लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए देने का निर्णय लिया है इस कारण मिलर हड़ताल पर हैं और सोसायटी मे जाम लगा है वहीं मिलरों को 120 रुपए की जगह 60 रुपए देने क़े फैसले क़े बाद विभिन्न जिलों मे राइस मिलर ऐसोसियेशन धान मिलिंग करने मे असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं। यानी विष्णुदेव साय सरकार चलाने मे असमर्थ हैं किसानों क़े प्रदेश मे किसानों को समस्याओं से घिरने मजबूर कर रही हैं। मोहन मरकाम ने आगे स्थानीय मीडिया क़े लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते कहा की खराब धान बीज मामले मे 250 किसानों क़े आवाज को आपसभी ने प्रमुखता से उठाया हैं उन्हें न्याय दिलाने मे सभी क़े सहयोग की आवश्यकता हैं साथ ही फर्जी पोटास बिक्री मामले मे कहा सत्ता मे बैठे जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देनी चाहिए खराब बीज खराब खाद का व्यापार इस भाजपा सरकार मे बहुत फल फूल रहा हैं प्रशासन को भी कड़ाई से एक्शन लेने की जरूरत है।