पंचायत चुनाव का बहिष्कार : ग्रामीण बोले रोड नहीं तो वोट नहीं, वर्षों से सड़क नहीं बनी तो वोट क्यों दें
सड़क नहीं तो वोट नहीं
कवर्धा,,,कबीरधाम जिले के लोहारा ब्लॉक के एक गांव के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर सभी को चौंका दिया है ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास नहीं होता है और आजादी के 70 साल भी जाने के बाद भी एक पक्की सड़क नहीं बन पाई है तो वे अपने मताधिकार का उपयोग क्यों करें
जिले के लोहारा ब्लॉक का है मामला
इस विषय में मिली जानकारी के अनुसार लोहारा विकासखंड की ग्राम पंचायत कुआं के आश्रित ग्राम करही के ग्रामीणो ने स्पष्ट रूप से पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है ग्रामीणो की मांग है की जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य किया जाए नहीं तो वह इस साल पंचायत चुनाव में वोट नहीं डालेंगे
प्रशासनिक भौगोलिक समस्याओं के कारण नहीं बन रहा रोड
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार गांव के दोनों और बेमेतरा जिला के साजा विकासखंड की सीमा लगती है तथा सरकारी जमीन सड़क बनाने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाया है प्राइवेट जमीन होने के कारण गांव में सड़क की व्यवस्था नहीं हो पाई है इस विषय में विधायक भावना बोहरा कहती हैं कि मामला मेरे संज्ञान में आया है और इसकी पुख्ता जानकारी लेकर ठोस कदम उठाने की पहल की जा रही है अलग-अलग ब्लॉक होने के कारण समस्याएं हैं बेमेतरा जिला के कलेक्टर व विधायक से बात किया गया है और जल्द ही समस्या का स्थाई समाधान निकलेगा
ग्रामीणों का कहना
करही गांव के 81 साल के बुजुर्ग कलीराम बताते हैं कि गांव में सड़क नहीं होने के कारण गांव के समस्त वोटर्स 2025 के चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं वे वर्षो से लगातार शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास करते रहे की गांव में सड़क निर्माण किया जाए नहीं तो वह वोटिंग में भाग नहीं लेंगे लेकिन प्रशासन ने इस विषय में खास ध्यान नहीं दिया उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा और विधानसभा में भी उनके द्वारा वोटिंग नहीं करने का निर्णय लिया गया था लेकिन प्रशासन की समझाइश के बाद वे वोट देने को तैयार हुए लेकिन प्रशासन अभी सड़क बनाने की दिशा में कोई सुध नहीं ले रहा है गांव के ही ग्रामीण प्रकाश चंद्राकर सुशील चंद्राकर ने बताया कि सड़क बनाने की मांग वर्षो से की जा रही है ऐसा लगता है पंचायत के काम के लिए सरकार नहीं है ।बार-बार मांग करने के बाद भी सड़क नहीं होने से गांव के लोगों को आवागमन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है बारिश के दिन में गांव टापू बन जाता है कीचड़ बाढ़ खेत के कारण ग्रामवासी बारिश के दिन में गांव में ही कैद हो जाते हैं इसके अलावा गांव में कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसको लेकर वे चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं जिसमें गांव के सभी वर्ग के मतदाता एक और से वोटिंग का विरोध कर रहे हैं
गांव के सरपंच खेदूराम चंद्राकर ने बताया कि गांव की आबादी 1200 से 13 00 के आसपास है जिसमें 650 वोटर हैं गांव के सड़क के लिए पहले की विधायक ममता चंद्राकर से उन्होंने सड़क की मांग की थी अभी की विधायक भावना बोहरा और गृह मंत्री विजय शर्मा से गांव की समस्या को लेकर सड़क की मांग की है। गांव के दोनों और प्राइवेट जमीन आने के कारण सड़क निर्माण में दिक्कत आ रही है इसीलिए शासन प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप पर सड़क बनवाना होगा।